वो भी क्या दिन थे....
मम्मी की गोद और पापा के कंधे,
न पैसे की सोच और न लाइफ के फंडे
न कल की चिंता और न फ्यूचर के सपने,
अब कल की फिकर और अधूरे सपने
मुड़ कर देखा तो बहुत दूर हैं अपने,
मंजिलों को ढूंडते हम कहॉं खो गए
न जाने क्यूँ हम इतने बड़े हो गए |-
इंतज़ार सफल हो ही जाता हैं,
आखिर मिलने वाले सदियों बाद..
भी मिल जाते हैं,
प्रेम जन्मों के बंधन से..
कही परे होता हैं
माँ गौरा पुकारे तो महादेव
चले ही आते हैं..!!🌸❤️-
मैं शिकवा करूँ भी तो किस से करूँ
अपना ही मुकद्दर है अपनी ही लकीरें हैं....🤐-
®
जब खोने के लिए कुछ भी ना हो
तब पाने के लिए
बहुत कुछ होता है ।-
न जाने क्या जादू है उन
आंखों में,
नजरे चाह के भी नही
हटा पाते,
इधर उधर घूम घूम कर
फिर उन्हीं आंखों में
नजरे टीका जाते....-
ऐ नए साल बता तुझ में नया-पन क्या है
हर तरफ़ तेरा क्यों शोर मचा रखा है
रौशनी दिन की वही तारों भरी रात वही
आज हम को नज़र आती है हर एक बात वही
आसमान बदला है अफ़्सोस ना बदली है ज़मीं
अगले बरसों की तरह होंगे क़रीने तेरे
किसे मालूम नहीं बारह महीने तेरे
जनवरी फ़रवरी मार्च में पड़ेगी सर्दी
और अप्रैल मई जून में हो गी गर्मी
इन दिनों में भी कोई कुछ खोएगा कुछ पाएगा
तो कोई अपनी गुजर बसर कर के चला जाएगा
तू नया है तो दिखा सुब्ह नई शाम नई
वर्ना इन आँखों ने देखे हैं नए साल कई
ग़ालिबन भूल गए वक़्त की कड़वी यादें
न जाने क्यू लोग देते है इतनी बधाई
तेरे आने से तो घटी उम्र जहाँ से सब की
🌟Happy New Year 2024🌟-
बीतते हुए साल के साथ चलो
आज यादें ताजा करते है......
कुछ नई तो कुछ पुरानी बातें करते हे..
कभी कुछ पा जाना तो कभी कुछ खो जाना....
बैठे बैठे पूरे साल की बाते करते है
न जाने कितनी बार सफर में निकले
मंजिल छूट गई पीछे
कभी सफर में हम सफर मिले
तो जिंदगी के कुछ पल बहुत ही सुहाने
जो बीती बातों को याद दिलाते-
मैं जनवरी और तुम दिसंबर से प्रिय ....
...... देखो तो कितने नजदीक और इंतजार साल भर का प्रिय-
एक हम हैं जो उसके पीछे पीछे घूमते हैं.....
और एक वो भाव ही नी देता हमे-