MaMtA YaDaV   (ममता...)
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Joined 25 December 2018


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Joined 25 December 2018
17 JUN AT 11:52

उच्च शिक्षित,
सर्वगुण सम्पन्न,
संस्कारी
लगती है ।
इसलिए वो
नारी लगती है।

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14 FEB 2024 AT 22:21

खुद को पाना ही इश्क़ है ।
खुद के लिए जीना ही इश्क़ है ।।

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31 DEC 2023 AT 21:44

Say "no" to toxic traits .

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31 DEC 2023 AT 16:34

एक ही बात बार बार पूछ लेने से
जवाब बदल नहीं जाया करते साहेब।

जब बात दिल को हो
तो फैसले सोच समझ कर लेने पड़ते है।

वरना आजकल हर गली सच्ची मोहबब्त से नहीं
बल्कि धोखेबाजों से भरी होती ।

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18 NOV 2023 AT 22:41

जो खुशी अपनी तस्वीर
को देख कर मिलती है ।
वो खुशी दूसरों की
फोटो में कहाॅं ।।

सत्य है-

जब लोग आपको
अपना समझ लेंगे
तो आपकी खामियां भी
उन्हें अच्छी लगेगी ।।

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12 NOV 2023 AT 23:27

Come on ....


Don't worry
Move on 😉

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26 MAR 2023 AT 23:20

नारी ही विश्वास है
नारी ही अटूट
नारी के आगमन से
हुआ सृष्टि का नव स्वरूप

नारी से ही परंपरा
नारी ही सिद्धांत
नारी ही भूमि है
नारी ही बहती
गंगा की धार

नारी से ही नव जीवन
नारी की माया विख्यात
नारी ही नौ स्वरूप
जिनका तेज़ अपरंपार
नारी ही विख्यात है
नारी ही विश्वास ।

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31 AUG 2022 AT 23:38

थोड़ी देर और ठहर जाओ
अभी रात बाकी है
कुछ तलक की बात है
अभी अधूरी बात बाकी है।

इत्ते देर जो आना हुआ तुम्हारा
अभी शाम बाकी है
कुछ तलक ठहर जाओ
अभी अधूरी बात बाकी है ।

कुछ तो बोलो अभी
शामे गज़ल का आगाज़ बाकी है
कुछ तलक ठहर जाओ
अभी बात बाकी है।

यूं रूठ कर ना जाना
अभी मेरा मानना बाकी है
कुछ तलक ठहर जाओ
अभी बात बाकी है।

तुम वो आगाज़ हो जो
कभी ना वापस जाएगा
अब यूं ना शरमाओ अभी
इज़हार बाकी है
कुछ तलक टहर जाओ
अभी बात बाकी है ...

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30 AUG 2022 AT 22:53

हमे लड़ना होगा
हमे जीतना होगा
हमारे हक़ की लड़ाई है
हमे लड़ना होगा ।

झुक क्यों जाएं हम
हमारे हक़ की लड़ाई है
हमे लड़ना होगा
खुद के लिए कुछ करना होगा
हमारे हक़ की लड़ाई है
हमे लड़ना होगा ।

हार केसे मान लें
हमे लड़ कर आगे बढ़ना होगा
हमारे हक़ की लड़ाई है
हमे कुछ करना होगा ।

जीत कर कुछ करना होगा
हमारे जीवन की एक मयान है
हमे उससे बाहर निकलना होगा
हमारे हक़ की लड़ाई है
हमे आगे बढ़ना होगा ।

हां हमे कुछ करना होगा
हमे आगे बढ़ना होगा ।।

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30 AUG 2022 AT 13:56

देखा सर ऊपर उठा कर
तो आसमान में घोर
अंधियारी छाई थी।

काले बादल में भी
बरशने की आश थी ।

कुछ पल की बात थी
फिर सात रंगो के इंद्र धनुष
से छाई बादलों की
शान थी ।।

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