उसने प्रेम अचानक पाया
गाजेबाजे संग बारात लेकर दुल्हन
छम्मक छल्लों लाया
जमा पूंजी ख़र्च कर टेड़ी दूलहन लाया
जबसे आई है
कान पकड़ कर इधर-उधर दौड़ाए
उसने प्रेम अचानक पाया
गांव-गांव है खबर है फैली
हरखू दुल्हनिया है लाया
लुका छिपा है रहता हैहरखू
दुल्हनिया के जुलमो से थर्राया-
ना भी कहना सीखें
अपनी प्राथमिकताएं तय करें
झुकें किंतु गिरे नहीं
सबसे बड़ा बोझ मन में है
उसे जरूर उतार दें
अहमियत बना कर रखें
ममतामई कथन है सखी ममता मई
स्वाभिमान आप के जीने का प्रमाण है
चरित्र हीन व्यभिचारी विश्वास योग्य नहीं
शरीर निर्दोष होते ही भगवत्प्राप्ती होगी
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कुत्तों की फ़ौज अब जगह जगह जंग करने लगी है
अनजाने चेहरों पर ज़ोर ज़ोर से भौंकने लगी है
एक दिन का वाकया है कुछ कुत्तों ने राह चलती
महिला के ऊपर हमला कर दिया कुछ लोगों की
मदद से महिला की जान बची-
रिश्ते अब कांच के बर्तन से दरकने लगे हैं
जरा सी चोट पर रिश्ते बिखरने लगे हैं
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कविताओं का इतना कापी पेस्ट हो गया है
पता नही चलता असली किरदार कौन है-
कभी-कभी हम ऐसे रिश्ते का
दामन थाम कर चलते हैं
जिसमें वास्तविक रूप से
कुछ बचा रहता नहीं
और हम ढोते रहते हैं
ऐसे भगोड़ों रिश्तों को
ढूंढ़ा करते हैं हम अपना सुकू सुख-
बातें समझा करो
जिंदगी दोबारा नहीं मिलती
जिंदगी अनमोल अमूल्य धरोहर है
जिंदगी को झगड़ने नाराजगी नफरत में न जाया करो
जिंदगी को हमेशा अपना बनाया करो-
वक्त जब आंखें फेर लेता है तो शेर को कुत्ता घेर लेता है
वक़्त जब आंखें फेर लेता है तो सिर का बाल बैरी लगता है
वक़्त जब आंखें फेर लेता है तो अपमान अपना भाग्य लगता है
वक़्त जब आंखें फेर लेता है पूनम का चांद अमावस लगता है
वक़्त जब आंखें फेर लेता है तो शेर को कुत्ता घेर लेता है-
मन टूटता मन जुड़ता
मन सिमटता बिखरता रहता है
क्योंकि मन मन को मना नहीं पाता
इसलिए सबसे अधिक मन ही मरता है-
लोगों का क्या है
लोग तरह तरह के तरीकों से
अपनी कुटिलता छिपा लेते हैं
लोगों का क्या है
तरह तरह के तरीकों से
अपनी ही औलादों का इस्तेमाल कर लेते हैं
लोगों का क्या है
एक धुंध साफ़ सुथरे मानस पर
अपने जिगर के टुकड़े के खड़ी कर देते हैं
लोगों का क्या है
ग्रह नक्षत्रों के खेल को खेल देते हैं
लोगों का क्या है अर्थ स्वार्थ स्व हितार्थ के लिए
धर्म का माखौल उड़ा देते हैं
लोगों का क्या है
किसी भी भोले भाले मन को लहुलुहान कर देते है
लोगों का क्या है
आज़ इस नाव में
कल किसी और नाव में
पाव रख लेते हैं
लोगों का क्या है
किसी नरम नाज़ुक मन को बहुत पीड़ा देते हैं
लोगों का क्या है
ममता मई कथन हैं सखी ममता मई
हर दर्द का इलाज वक्त है
वो हर ज़ख़्म में मरहम है-