Mamta Mishra  
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Joined 9 May 2020


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Joined 9 May 2020
AN HOUR AGO

उसने प्रेम अचानक पाया
गाजेबाजे संग बारात लेकर दुल्हन
छम्मक छल्लों लाया
जमा पूंजी ख़र्च कर टेड़ी दूलहन लाया
जबसे आई है
कान पकड़ कर इधर-उधर दौड़ाए
उसने प्रेम अचानक पाया
गांव-गांव है खबर है फैली
हरखू दुल्हनिया है लाया
लुका छिपा है रहता हैहरखू
दुल्हनिया के जुलमो से थर्राया

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4 HOURS AGO

ना भी कहना सीखें
अपनी प्राथमिकताएं तय करें
झुकें किंतु गिरे नहीं
सबसे बड़ा बोझ मन में है
उसे जरूर उतार दें
अहमियत बना कर रखें
ममतामई कथन है सखी ममता मई
स्वाभिमान आप के जीने का प्रमाण है
चरित्र हीन व्यभिचारी विश्वास योग्य नहीं
शरीर निर्दोष होते ही भगवत्प्राप्ती होगी

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17 HOURS AGO

कुत्तों की फ़ौज अब जगह जगह जंग करने लगी है
अनजाने चेहरों पर ज़ोर ज़ोर से भौंकने लगी है
एक दिन का वाकया है कुछ कुत्तों ने राह चलती
महिला के ऊपर हमला कर दिया कुछ लोगों की
मदद से महिला की जान बची

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17 HOURS AGO

रिश्ते अब कांच के बर्तन से दरकने लगे हैं
जरा सी चोट पर रिश्ते बिखरने लगे हैं

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YESTERDAY AT 11:09

कविताओं का इतना कापी पेस्ट हो गया है
पता नही चलता असली किरदार कौन है

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YESTERDAY AT 11:08

कभी-कभी हम ऐसे रिश्ते का
दामन थाम कर चलते हैं
जिसमें वास्तविक रूप से
कुछ बचा रहता नहीं
और हम ढोते रहते हैं
ऐसे भगोड़ों रिश्तों को
ढूंढ़ा करते हैं हम अपना सुकू सुख

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16 MAY AT 20:20

बातें समझा करो
जिंदगी दोबारा नहीं मिलती
जिंदगी अनमोल अमूल्य धरोहर है
जिंदगी को झगड़ने नाराजगी नफरत में न जाया करो
जिंदगी को हमेशा अपना बनाया करो

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16 MAY AT 20:15

वक्त जब आंखें फेर लेता है तो शेर को कुत्ता घेर लेता है
वक़्त जब आंखें फेर लेता है तो सिर का बाल बैरी लगता है
वक़्त जब आंखें फेर लेता है तो अपमान अपना भाग्य लगता है
वक़्त जब आंखें फेर लेता है पूनम का चांद अमावस लगता है
वक़्त जब आंखें फेर लेता है तो शेर को कुत्ता घेर लेता है

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16 MAY AT 10:17

मन टूटता मन जुड़ता
मन सिमटता बिखरता रहता है
क्योंकि मन मन को मना नहीं पाता
इसलिए सबसे अधिक मन ही मरता है

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16 MAY AT 10:12

लोगों का क्या है
लोग तरह तरह के तरीकों से
अपनी कुटिलता छिपा लेते हैं
लोगों का क्या है
तरह तरह के तरीकों से
अपनी ही औलादों का इस्तेमाल कर लेते हैं
लोगों का क्या है
एक धुंध साफ़ सुथरे मानस पर
अपने जिगर के टुकड़े के खड़ी कर देते हैं
लोगों का क्या है
ग्रह नक्षत्रों के खेल को खेल देते हैं
लोगों का क्या है अर्थ स्वार्थ स्व हितार्थ के लिए
धर्म का माखौल उड़ा देते हैं
लोगों का क्या है
किसी भी भोले भाले मन को लहुलुहान कर देते है
लोगों का क्या है
आज़ इस नाव में
कल किसी और नाव में
पाव रख लेते हैं
लोगों का क्या है
किसी नरम नाज़ुक मन को बहुत पीड़ा देते हैं
लोगों का क्या है
ममता मई कथन हैं सखी ममता मई
हर दर्द का इलाज वक्त है
वो हर ज़ख़्म में मरहम है

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