जब रात गहराएगी
और तुम्हारी याद सताएगी
यूं ही ख्वाब में चले आना तुम
चाँद की रौशनी में जिंदगी
और भी खुबसूरत हो जाएगी.
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बेटी दिवस पर विशेष
प्यारी बिटिया
फूलों सी खिलो
खुशबू सी महकों
और बगियाँ महकाओ-
ये लम्हे ये पल, रेत की तरह मुट्ठी से फिसल जायेंगे
तुम हमसे, हम तुमसे दूर हो जायेंगे
चाहकर भी हम ये दूरियां मिटा ना पायेंगे
जी लो हमारे संग जिंदगी के ये पल
ये पल फिर लौटकर नहीं आयेंगे ।-
के जब भी उनकी जुबां पर मेरा नाम आए
मुस्कुराहट से उनके होंठों के कमल खिल जाए
यादों के मंजर गुज़रते जाए
चाहकर भी वो मुझको भुला ना पाए
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तेरा सहारा मिला यानी
अंधेरे में एक तारा मिला
मेरी कश्ती को किनारा मिला।
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एक एक लम्हा हंसकर गुजारे
कल किसने देखा है
क्या पता ये खुशियाँ फिर पलटकर ना पुकारे।-
अगर तुम्हारा साथ है तो
हर मुश्किल आसान हैं
यहीं मेरे जीने का सामान है
पार कर जाऊँगी पथरीली राहों को मैं
हाथों में गर तुम्हारा हाथ है तो
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हौसले की नाव और मेहनत की पतवार बनाकर
ही दम लेंगे।
जीवन को सुख समृद्धि और
तिल-गुड़ की मिठास सा भर देंगे।
आप सभी को मकर संक्रान्ति की हार्दिक शुभकामनाएं-
नहीं आता बिता वक्त दोबारा कभी
फकत यादें ही रह जाती हैं
इन यादों के साथ जिये तो कैसे
ये यादें नश्तर चुभाती हैं ।
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ताकि बाद में न पड़े पछताना
काँटों भरा है ज़माना
जरा दामन बचाना
नफ़रत को प्यार से मिटाना
हर बाज़ी जीत के दिखाना
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