एक और ईंट गिर गई,
दीवार-ए-जिंदगी से.
नादान कह रहे हैं,
नया साल मुबारक हो।-
लक्ष्मी कह कर क्यों एक ही रूप में बंध जाएं हम ,,
क्या मालूम किसी घर के ब्रह्म ,विष्णु, महेश बन जाएं हम।-
आदमी
मरने के बाद
कुछ नहीं सोचता।
आदमी
मरने के बाद
कुछ नहीं बोलता।
कुछ नहीं सोचने
और कुछ नहीं बोलने पर
आदमी
मर जाता है।-
फिर आखिरी बार भी
नही मिला मुझसे
जो मिलने वाला था
उम्र भर के लिए..!!-
ये जो हंसते हुऐ चेहरे नज़र आते है
यार! ये हंसते हुऐ चेहरे__ अगर रो दे तो?
हम लोग" जिन के पास फकत मोहब्बत हैं
यार! हम लोग, मोहब्बत भी__ अगर खो दे तो ?-
इस रंग बदलती दुनिया का
मैं भी तो हिस्सा हूं,
इस भागती हुई भीड़ का,
मैं ही हूं भूत, वर्तमान और भविष्य
ध्यान से देख लो, वक्त हूं तुम सभी का।-
शोर करती हैं जब भी,
खामोशी मुझमें
घबराकर भीड़ में जा बैठती हूं।।-
मैं उसकी हूँ य़े समझाने मे
मैने कितना वक़्त गवां दिया..
और वो मेरा कभी था ही नहीं,,
उसने मुझे कुछ मिनटों मे समझा दिया..!!-