Mamta Das  
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Joined 27 April 2020


Joined 27 April 2020
30 JAN 2022 AT 11:12

हम भी तुम्हारे लिए मर सकते हैं। तुम पर जान निसार कर सकते हैं किस्मत का कुछ पता नहीं। पर हम कोशिश तो कर सकते हैं....— % &

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29 JAN 2022 AT 23:08

तुझे क्या देखा, खुद को ही भूल गए हम इस क़दर
कि अपने ही घर जो आये तो औरों से पता पूछ पूछकर
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29 JAN 2022 AT 23:07

तुझे क्या देखा, खुद को ही भूल गए हम इस क़दर
कि अपने ही घर जो आये तो औरों से पता पूछ पूछकर
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25 JAN 2022 AT 2:21

अचानक कोई मुझसे लिपट कर बहुत रोया ! उसके बाद हमारा सामना कभी नहीं हुआ।

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24 JAN 2022 AT 21:07

वही दिन है वही राते हैं।कोई साथ नहीं सब कहने वाली बातें

है।साथ तो हम भी रहना चाहते हैं।पर कहा रह पाते हैं।

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24 JAN 2022 AT 20:57

मजबूर ना करेंगे तुझे वादे निभाने के लिए।
तू एक बार वापस आ अपनी यादें ले जाने के लिए.

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24 JAN 2022 AT 20:41

कैसे कहूँ कि अपना बना लो मुझे;

बाहों में अपनी समा लो मुझे;

बिन तुम्हारे एक पल भी कटता नहीं;

आ कर एक बार मुझ से चुरा लो मुझे।

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23 JAN 2022 AT 9:05

ऐसा बिछड़ा वो कभी नज़र ना आया।

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23 JAN 2022 AT 8:59

तू ही बता ए जिंदगी तुझसे नफ़रत करू या प्यार करु.भूल जाउ उससे या फिर से इंतज़ार करू। अकेले जीना मुश्किल है नाराज़ रह या इज़हार करू। वो तो मुझे भूल चुका है। अब मैं क्या करूं

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9 JAN 2022 AT 12:36

ए दोस्त एक बार लोट आओ मेरे पास कुछ हले दिल सुनाना है। अकेले रहना मुश्किल है, तुम्हें बहुत कुछ बताना है। तेरी याद में बहुत रोए है। तेरे साथ फिर से मुस्काना है बहे फेलये खड़ी हूं तेरी राहो में तुझसे लिपट जाना है।

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