जो केवल उन्हें किताबी ज्ञान से
ना जोड़कर बाहर की दुनिया के
ज्ञान से भी अवगत करवाए।
ताकि भविष्य में कभी भी किसी
भी विपरीत परिस्थिति में पड़ने पर
शिष्य उस परिस्थिति से घबराएं नहीं
अपितु उसका डटकर के सामना कर पाए।-
सुख मै बहु संगी भए दुख मै संगि न कोई……
कहु नानक हरि भजु मना अंति सहाई ... read more
उसे इंसाफ दिलाना होगा।
समाज को आगे आना होगा।
कदम से कदम मिलना होगा।
बेटियां कोई बोझ नहीं है।
बेटियां मजबूर नहीं है।
बेटियां हर बार अत्याचार सहती रहे यह समाज के लिए सही नहीं है।
समाज को जागरूक होना होगा।
उसे इंसाफ दिलाना होगा।
गर वह आगे बढ़ना चाहती है।
खुली हवा में उड़ना चाहती है।
समाज हित में कुछ करना चाहती है फिर वही शोषण की शिकार क्यों हो जाती है।
समाज को अब चुप्पी को त्यागना होगा।
हवानो की इस हैवानियत का दंड देना होगा।
उसे इंसाफ दिलाना होगा।
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उस मासूम ने किसी का क्या बिगाड़ा था जो समाज के दरिंदों द्वारा नोच ली गई।
वह तो खुली हवा में आजाद परिंदे की तरह उड़ना चाहती थी।
समाज हित में कुछ करना चाहती थी फिर समाज के इन भेडियो ने उसके साथ ऐसा क्यों किया।
समाज के लोगों को आज उस मासूम को इंसाफ दिलाना होगा।
आज यह इंसाफ न केवल उसके साथ होगा बल्कि हर उस लड़की के साथ होगा जो ऐसे दरिंदों की शिकार हुई।
ऐसे दरिंदों के लिए मृत्यु दंड तो एक छोटी सी सजा है।
इन दरिंदों की वजह से ही आज बेटियां महफूज नहीं है।
इस समाज में ऐसे दरिंदों को कोई वकील नहीं मिलना चाहिए।
जिस तरह से यह किसी की बेटी के साथ घिनौना कृत्य करने से नहीं घबराते इस तरह इनकी भी मृत्यु होनी चाहिए।
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कि मैं उन लोगों जैसा बना पाऊं जिन्होंने मेरी मजबूरी में मुझे परेशान किया और मेरे खिलाफ साजिश रची। माना कि उस वक्त मेरा वक्त खराब था इसलिए यह लोग मेरा बुरा करने की भावना से ग्रसित होकर मेरे खिलाफ साजिश रचते वक्त अपने भविष्य में आने वाली मजबूरियों को भूल गए थे मगर फिर भी मेरे मासूम मन ने इन लोगों जैसा व्यवहार करने से सदैव मुझे रोका। बस यही फर्क था मेरे में और इनमें।
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जब कभी कुछ महसूस किया।
शब्दों के माध्यम से कलम के सहारे कागज पर उकेर दिया।।-
इन दोगले लोगों की बातें ना पूछो ? इनके नियम इनके चमचों के अलावा सब पर लागू होते हैं।
कसम से यह बड़े ही चालू होते हैं।-
उससे पूछो जिसने अपने प्रेमी को खोया हो और अंधियारी रातों में उसे याद करके पल-पल रोया हो।
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चांदनी रात में तुम्हारे साथ बिताया गया लम्हा उतना ही खूबसूरत है जितना यह चांद है।
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The world of dreams is so unique.
They think one thing and there is another story.
Youth is spent running after success.
Even if success is achieved, many wishes remain unfulfilled.
A father gives good upbringing to a daughter and makes her a successful woman in life.
He organizes her marriage with pomp and show.
She enters the new house with new hopes and new dreams.
How can she understand the house she is going to with such expectations?
There is a desire for her salary and the money she gets from dowry.
Everyone wants his hard earned money.
But no one wants to know how much trouble she faces to earn money.
They leave him with his parents in his pain and suffering.
Despite being successful, she fights all her difficult times alone.
Everyone wants to join him for selfish gains.
But no one wants to support him in his difficult times.
Why do people do this?
All these things shake the mind to the core.-