सुन ना मेरी मोहब्बत!
एक दिन आना तू जरूर मेरे शहर में,
तुझे तो पता है ना मेरा ठिकाना,
पागल सी, बेचैन सी तड़पती रहूंगी तब तक,
Plz तू आकर....
ना ना गंदी बदसूरत सी रहूंगी मैं है ना,
तू दूर से ही एक नज़र जी भर देख जाना,
और हो सके मेरे सर पर हाथ फेर जाना,
सुकून से मर सकूंगी मैं मेरे यारा।
_Mamta Belwal
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सीधे और छोटे लोग हैं जी,
ना बड़ी हस्तियों से वास्ता अपना,
ना किसी नेता से पहचान,
मेरे घर के दोनों तरफ़ खुली औऱ सुंदर सड़क है।
बड़ी बड़ी कार बड़ी बड़ी लोगो की रोज़ाना चलती हैं,
कौन हैं किसके है मालूम नही लेकिन वो हस्तियां बड़ी हैं,
मेरे घर के प्रांगण से बेहद खूबसूरत एक नज़ारा कमलेश्वर महादेव का दिखता है,
जो सबके हैं और हम उनके विश्वास मन में भरता है,
वो सबसे बेहतरीन एहसास मन को आनंदित करने वाला,
भक्तिभाव से परिपूर्ण होता है।
और घर के अंदर मनमोहक माँ की छवि और कान्हा का,
हर पल दीदार होता है।
_Mamta Belwal
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चाय की चुस्कियों में शायरी का मज़ा ले रहें हैं,,
दोस्त मजाक ही मज़ाक में मझे छेड़ रहे हैं,,
कि पूछो मेहबूब से अपने ज़रा,,
कि ज़रूरत हूँ तुम्हारी मैं या ज़रूरी तुम्हारे लिए,,
हँसते-हँसते यार मेरे मेरी ठिठोली कर रहें है।।
_Mamta Belwal
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जन्मदिवस पर स्नेह🤗, प्रेमतत्व💕 से ओतप्रोत भावनाओं के साथ मेरे जीवन साथी को हार्दिक शुभकामनाएं🙏🏼।
ईश्वरीय आशिर्वाद के रूप में पाया है तुमको,
नरम स्वभाव, प्रेम और करुणामय हृदय का
स्वरुप हो तुम,
मन धैर्य, समझ अपार मेरे हृदय का सार हो तुम,
प्रेम का सागर विस्तार में ही नही,
गहराइयों में भी समाया है,
मेरा सौभाग्य है मेरे प्रियतम मैने तुमको
वर रूप में पाया है।
_Mamta Belwal
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मैं अंकिता🙏🏼 😭💔
सब गूंगे और बेहरे हैं,
समाज में घूम रहे आवारा,खूंखार भेड़िये हैं,
और इनका पालन कर रहे हमारे बीच
कुछ बड़े साहूकार हैं,
इन भूखे भेड़ियों का कोई ईमान नही,
आज मैं रौंदी गयी!
कल होगी इनकी अपनी बहिन बेटी कोई,
चीख़ चीख कर मैं ही नही,
मेरी रूह भी इंसाफ है मांग रही,
तब तक चुप ना बैठना मेरी भाईयों,
जब तक इन दरिंदों का किया तुमने अंत नही,
मेरी रूह को सुकून देना और बहनों को विश्वास,
उनके मन में डर नही आये निर्भय होना का हौशला,
कर दो उन पापियों का अंत,
उस प्रशासन को हिलाकर रख दो,
जो सत्ता अपनी जनता की हिफाज़त ना कर सका।
_Mamta Behaal
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नज़र की राह में हज़ारों नज़ारे हैं,,
भावनाओं के समंदर में हज़ारों लहरें हैं,,
दोस्तों की भीड़ में काफ़ी लोग हैं,,
निभाने पर आए तो जिम्मेदारियाँ सैकड़ो हैं,
दौर कोई भी रहा हो या दौर कोई भी आये,,
वक़्त या गुरू सिर्फ तजुर्बा और ज्ञान ही बताएगा,,
कोई किसी को सीखा नही सकता,,
जब तक खुद सीखने की ललक अपने अंदर ना हो,,
फैसला हमारा होगा कहाँ नज़र धमेगी,
कौन सी भावनायें बेहतर होंगी,,
कौन से दोस्त या रिश्ते सच्चे होंगे,,
और वक़्त के साथ क्या सही होगा।।
_Mamta Belwal
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चेहरे की मुस्कान के लिए फुर्सत ही नही,
बस काम काम और जिम्मेदारियां,,
जिंदगी कितनी उलझ गयी है,
आज हैं क्या पता कल नही भी,
रेत के समंदर में लकीर जैसी
तकदीर लिए है यहां सभी,
बस एक लहर के आते सब मिट जाना है
आज है जितना हो सके
ख़ुशी का ताना बाना बुन लेते है,
कल सबके सब यही छूट जाना है।
_Mamta Belwal
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"मुझे मेरे किरदार पर पूरा यक़ीन है,
जिस भी महफ़िल में बैठू वहां
हँसी की बोझारें यक़ीनन होंगी।
कुछ अपने होंगे, कुछ अपने बनेंगें,
ये रिश्तों का सिलसिला जीवन के
बहुत खूबसूरत पल होंगें।
मिलना कम जरूर हो सकता है,
लेकिन बिसरने का कोई विकल्प नही होगा।
मुझे मेरे किरदार पर पूरा यक़ीन है,
रिश्तों में प्यार कभी कम नही होगा।
_Mamta Belwal
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हालात भारी पड़ जाते हैं कई बार जज्बातों पर,
कितना भी सजों के रखें रिश्तों को,
कुछ ना कुछ कम पड़ ही जाता है,
लिखते हैं दिल की कलम से हर शब्द,
फिर भी कुछ ना कुछ रह ही जाता है,
ज़िन्दगी ने रफ़्तार बड़ी तेज़ पकड़ ली है,
तरक़्क़ी आसमान तक छू गयी,
सुकून ज़मी पर भी कम पड़ ही जाता है,
शिकायत रखें भी तो किससे,
वो भी अपनी इज्ज़त खोती जा रही हैं
हालात भारी पड़ जाते हैं रिश्तों पर,
कितने भी संजो के रखें रिश्तों को,
कुछ ना कुछ कम पड़ ही जाता है।
_Mamta Belwal-