सुनेउसे समझे उससे जुडें क्या कहती है क्या समझाती हैउस पर क्या बीती हैआपको क्या समझ आती हैक्या भविषय की दस्तक हैउसकी वेदनाओं पर सजग हो -
सुनेउसे समझे उससे जुडें क्या कहती है क्या समझाती हैउस पर क्या बीती हैआपको क्या समझ आती हैक्या भविषय की दस्तक हैउसकी वेदनाओं पर सजग हो
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रंगीनियां दिखाते हैना खुशबु ना एहसास बस भ्रमित करते जाते है -
रंगीनियां दिखाते हैना खुशबु ना एहसास बस भ्रमित करते जाते है
कन्हैया तेरी बांसुरी कितनी सुमधुर तान छेड़ती हैजो भी सुनता है अपना सबकुछ बिसरा देता हैसबको अपने अधीन बना लेती है ये बांसुरी -
कन्हैया तेरी बांसुरी कितनी सुमधुर तान छेड़ती हैजो भी सुनता है अपना सबकुछ बिसरा देता हैसबको अपने अधीन बना लेती है ये बांसुरी
फिर हर मुश्किल आसान होगीहोगी जमाने भर की खुशियां कदमों मेें और चेहरे पर मुस्कान होगी -
फिर हर मुश्किल आसान होगीहोगी जमाने भर की खुशियां कदमों मेें और चेहरे पर मुस्कान होगी
तो भगवन दुर्योधन के छप्पन भोग छोड विदुर घर साग रोटी खाये🙏🏼 राधे-राधे 🙏🏼 -
तो भगवन दुर्योधन के छप्पन भोग छोड विदुर घर साग रोटी खाये🙏🏼 राधे-राधे 🙏🏼
अब सब कहना फिजूल हैक्यो बेवजह किसी को सर पे चढ़ाना अपना यही उसूल है -
अब सब कहना फिजूल हैक्यो बेवजह किसी को सर पे चढ़ाना अपना यही उसूल है
जो ईश्वर ने सभी को दी हैजिसका छिन जानाहमारे निर्माण को अव्यवस्थित अव्यवहारिक बना देता हैपिता का त्याग वैसे तो नजर नही आतापर हमारे रुतबे,हमारी हैसियत कोपिता के होने से ही बल मिलता हैपिता जैसी पूंजी को कोई भी खर्च करना,या बांटना नही चाहता -
जो ईश्वर ने सभी को दी हैजिसका छिन जानाहमारे निर्माण को अव्यवस्थित अव्यवहारिक बना देता हैपिता का त्याग वैसे तो नजर नही आतापर हमारे रुतबे,हमारी हैसियत कोपिता के होने से ही बल मिलता हैपिता जैसी पूंजी को कोई भी खर्च करना,या बांटना नही चाहता
ईश्वर की कृपा से कम नही हैपापा का हाथ सर पर है तोफिर किसी मुश्किल का कोई गम नही है -
ईश्वर की कृपा से कम नही हैपापा का हाथ सर पर है तोफिर किसी मुश्किल का कोई गम नही है
भरना भी जरूरी हैहौसला,हुनर कासबको कहां मिलता है -
भरना भी जरूरी हैहौसला,हुनर कासबको कहां मिलता है
तो कई चेहरों से झूठ के नकाब हटा देता है -
तो कई चेहरों से झूठ के नकाब हटा देता है