ख़ालीपन को भरने की क्षमता किसी मे नही सिवाय इसके की हम अपना ध्यान कही ऒर लगा ले। मैं जैसे जैसे अपनी उम्र के अगले पड़ाव में जा रहा हूँ मुझे वे लोग सबसे ज्यादा प्रभावित कर रहे है जिन्होंने पूरा जीवन जिया है। सोचता हूँ ये कैसे सम्भव रहा है भला....
आज परिवार, दोस्त, दुनिया हर उस चीज़ से जिससे लगाव था मन भर सा गया है सब चीजें इसलिए कर रहा हूँ क्योंकि ये सब करना जरूरी है...फिर सोचता हूं आखिर जरूरी भी क्यों है?
-