इश्क़ "हम उम्र" से हो, ये ज़रूरी तो नहीं.
इश्क़ तो "हर उम्र" को "हम उम्र" बना देता है.-
M.A. (Hindi) Unvi. toper 🥇
अभागन विधवा नहीं पवित्र नारी हूँ
जिस्मानी नहीं रूह... read more
न जाने क्या बात है तुम्हारे हर अंदाज में
अजीब सी कशिश है तुम्हारे इस शबाब में
तेरी सांसों की हरारत से पिघल जाऊं न कहीं
तुम समा गए हो मेरी हर धड़कन हर सांस में
तेरे दीदार की तलब लाजमी है ऐ मेरे सनम
तेरी धड़कन भी हुई शामिल मेरी आवाज में-
मुझे नही पता है ..
कल मेरे साथ क्या होगा ..
पर इतना पता है ..
मैं जिस तरह से कल प्यार करती थी ..
आज भी करती हूं ..
उसी तरह से हमेशा करती रहूंगी !
तुम मेरी जिन्दगी में रहो ..
या ना रहो ..
मैं तुम्हे अपने भीतर जिंदा रखूंगी !
जब तक इस जिस्म में जान रहेगी !-
काश... कोई मेरी लाइब्रेरी में भी घुसपैठ करता,
करके यौवन का पसीना-पसीना हमकों पढ़ता !!
काश...कोई हमारी लाइब्रेरी की पन्नों को चूमता,
करके मदहोश हमें उंगुलियों से कुछ लिखता !!
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यूँ तो ना थी जनम से पीने की आदत,
शराब को तन्हा देखा तो तरस खा के पी गई..-
तेरे रोने से उन्हें कोई फर्क नही पड़ता ऐ दिल,
जिनके चाहने वाले ज़्यादा हो वो अक्सर दर्द सहते है !!-
कल रात बड़ी मुश्किल से खुद को सुलाया था मैने,
अपनी आँखों को तेरे ख्वाबों का लालच दे कर ..।।-
अगर निगाहें खूबसूरत हो, तो अदा मार देती है..
तुम कातिल ना कहो इसलिए हम "सादगी" से रहते हैं..-
तन्हाई से घबरा के लफजो को हम इकट्ठा करते है..
लोग शायर समझते है हम खुद का नीलाम करते है..।।-