maliksaaheb .   (maliksaaheb)
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19 MAY 2023 AT 15:10

ज़िंदगी भर तो हुई गुफ़्तुगू ग़ैरों से मगर ..

आज तक हम से हमारी न मुलाक़ात हुई!!

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8 MAY 2022 AT 11:33

मदर डे
क्या माँ के लिये एक दिन है?

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4 DEC 2021 AT 13:46

अपने अहम को थोड़ा-सा झुका कर चलिए....

सब अपने लगेंगे, जरा-सा मुस्कुरा कर चलिए..!!

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30 NOV 2021 AT 16:30

बाजार बड़ा मंदा है "साहब"

खुशी की किल्लत है और गम कोई खरीद नही रहा!!

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30 NOV 2021 AT 14:13

ताक में दुश्मन भी थे और मेरे अज़ीज़ भी,

पहला तीर किसने मारा..ये कहानी फिर कभी !!

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16 NOV 2021 AT 12:48

ठंड बढ़ रही है ख्याल रखा करो अपना..

लोग आंसू पोंछ देंगे पर नाक नही!!
😜😂🤣

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2 NOV 2021 AT 23:59

कभी महसूस कीजिए.... तपिश लफ्जों की,

लिखते नहीं हम दर्द... वाह-वाह सुनने के लिए!!

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26 OCT 2021 AT 15:50

चाहत है फ़ायदे की तो बाँटो मुहब्बतें...

नफ़रत के कारोबार में नुक़सान हैं बहुत!!

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15 OCT 2021 AT 14:18

घर से निकलते हुए सब कहते है...
आओ रावण दिखा कर लाते है !!

कोई ये नहीं कहता...
आओ राम से मिलवाकर लाते है!!

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20 SEP 2021 AT 19:28

अब उसी के वास्ते घर में कोई कमरा नहीं..

वो जो इस घर के लिए सारी जवानी दे गया!!

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