कहने को तो सब अपने है,
पर हकीकत मे
ये मेरे सपने है,,-
जिन्दगी मुझे लिख रही है ✍️
और मैं जिन्दगी को😇,...
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कुछ बातें जो सोचो तो मन भर जाता है🥴
आँखे बंद करो तो दर्द नजर आता है🥺...-
मैं नासमझ..
आग को रौशनी
पानी को आइना
और ज़िंदगी को खुशी समझती हूँ,,
मैं नासमझ..
धुएँ को बादल
खुद को पागल
तुम्हारे चेहरे को हसीं समझती हूँ,,
मैं नासमझ..
थोड़ी खुशियाँ बाँट लेती हूँ
थोड़े आंसू छांट लेती हूँ
और इसी को ज़िंदगी समझती हूँ,,
मैं नासमझ..
जो कहते हो मान लेती हूँ
ना किसी गलती पर ध्यान देती हूँ
और तुम्हें लगता है कुछ नहीं समझती हूँ!!
-
ज़िंदगी और भला क्या देगी
जख्म देगी यही दवा देगी
दिन मे सूरज को निगल जाएगी
रात मे बत्तियां बुझा देगी
हार के बैठने लगोगे जब
एक नया रास्ता दिखा देगी
मौत के पास जाके देखो तो
ज़िंदा रहना तुम्हें सिखा देगी
एक मुद्दत से जिसे चाहोगे
एक दिन मे उसे भुला देगी
रेत पर घर बना लो कितने ही
ये नदी हर निसां मिटा देगी!!
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ये जो दिल है हमारा,,
बिचारा उलझनों का मारा,,
जिसे ना मिला कहीं सहारा,,
इसलिए ना किया इस दिल ने
किसी को इशारा,,
अगर तू समझता है तो खुद ही समझ जा ना
इन झमेलो का इशारा,,
अब ना समझ आए कहीं ठिकाना,
ना जाने कैसा है ये जमाना,
जहाँ हर किसी को है सुकून पाना,
ना जाने क्यो अब ये दिल चाहता है
हर शक्स से दूर जाना,
कैसे होगा अब मुझसे ये सह पाना,
ऐ खुदा अब तू ही इस उलझन को सुलझाना,-
कभी कभी हम जान बूझकर चुनते है तन्हाई को,
कभी कभी हम पास बिठाते हैं अपनी परछाई को,
कभी कभी दिल भर जाता है दुनियां भर की बातों से,,
कभी कभी डर सा लगता है इतनी लम्बी रातों से,,
कभी कभी हम खुद को खुद से दूर कर लेते है!
कभी कभी यादें मुठ्ठी में भर लेते है!
सारा दिन हसते रहने पर आँखे थकने लगती है!!
दिन भर झूठी खुशी मना कर रातें जगने लगती है!!
क्यों हमको तन्हां रहने मे डर लगता है,
क्यों 'मैं ठीक नहीं 'कहने मे डर लगता हैं,
क्यों लोगों से दर्द छुपाना पड़ जाता है,,
आँसु भरकर भी मुस्कुराना पड़ जाता है,,
खुशियों में सारी दुनियां दुःख मे हम रहे अकेले क्यों..
इतनी छोटी उम्र में है इतने बड़े झमेले क्यों..
क्यों एक बार को सब अपना सा लगता है!
क्यों अगले ही पल सच सपना सा लगता है!-
ये दिन तो गुजर रहे है ,लेकिन
ये वक्त कब गुजरेगा,,
गुजारिश करुँ भी तो 'करुँ किससे '
खुदा भी तो नहीं दिख रहा,,...-
व्क़्त ने भी क्या व्क़्त दिखाया है,
छोटी सी उम्र में ही बहुत कुछ सिखाया है,,,-
जब जब कोशिश की है मैंने
खुद को समहालने की,,
तब तब हर शक्स ने बेइंतहां कोशिश की है
मुझे गिराने की,,..-
αι кнυ∂α куα кαмααℓ кα тяαѕα н αρиє υинє🤔
Vo kux n kah kr bhi bahut kux kah jate h
Vo Na chah kr bhi bahut hurt kr jate h н..-