makkhan Parjapat   (Makkhan parjapat)
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Student
Joined 30 January 2021


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Joined 30 January 2021
26 APR AT 15:32

लकड़ी के कीड़े पूरी कुर्सी खा जाते हैं और कुर्सी के कीड़े पूरा देश..!!

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12 APR AT 9:22

अच्छे दिन के चक्कर में उम्र गुजर जाती है, फिर पता चलता हैं की जो गुजर गए वही अच्छे दिन थे।

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11 APR AT 17:14

मुस्किले मुझको मिटाने पर तुली है और दुआए है की बचाने पर तुली हैं..

दिल लगा हैं गम छुपाने में सारे आंखे है की सब बताने पर तुली है

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5 APR AT 15:11

एक पिता ने क्या बढ़िया कहा...

कि मुझे इतनी फुर्सत कहाँ कि मैं किस्मत का लिखा देखूं बस मेरी बेटी की मुस्कुराहट देख कर समझा जाता मेरी किस्मत बुलन्द हैं..!!

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4 APR AT 15:01

अंधेरों को कह दो बचपन बित चुका है,

आब तुझसे डर नहीं सुकुन, मिलता है,

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4 APR AT 14:40

जन्म के समय नाम नहीं होता मात्र सांसे होती है मृत्यु के समय नाम तो होता है पर सांसे नहीं होती है इन्हीं सांसो और नाम के बीच की यात्रा को ही "जीवन कहते हैं"

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4 APR AT 7:05

इंसान को कोई चीज इतना नहीं बदल सकती, जितना उसके दिल पर गुजरी हुई तकलीफें उसे बदल देती है !

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10 MAR AT 9:26

दोबारा गर्म की हुई चाय और समझौता किया हुआ रिश्ता दोनों में पहले जैसी मिठास कभी नही आती

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7 MAR AT 8:13

सपनों की मंज़िल पास नहीं होती, जिंदगी हर पल उदास नहीं होती खुदा पर यकीन रखना मेरे दोस्त, कभी कभी वह भी मिल जाता है, जिसकी आस नहीं होती...!!

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5 MAR AT 8:48

किरदार....!!

सुखा पेड़ और मूर्ख व्यक्ति कभी नहीं झुकते... कदर किरदार की होती है... वरना कद में तो साया भी इंसान से बड़ा होता है..!!

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