इबादत करो खुदा से शिफारिश न करो हमारी,ये दुनिया तेरे प्यार मैं किसी जन्नत से कम नही,, -
इबादत करो खुदा से शिफारिश न करो हमारी,ये दुनिया तेरे प्यार मैं किसी जन्नत से कम नही,,
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हर खामोश मुस्कुराहट के पीछे,एक दर्द भरी आहट होती है,, -
हर खामोश मुस्कुराहट के पीछे,एक दर्द भरी आहट होती है,,
उससे बिछड़े बरसों बीते मगर ये एहसास क्यों नही जाता,होते है कुछ दर्द ऐसे भी जिन्हें कभी कहा नही जाता,, -
उससे बिछड़े बरसों बीते मगर ये एहसास क्यों नही जाता,होते है कुछ दर्द ऐसे भी जिन्हें कभी कहा नही जाता,,
मेरे हर सजदे की अरदास हो तुम,मेरे ज़ख्मो पर मरहम सा एहसास हो तुम,मैं तुम्हारे लिए कुछ भी हो सकता हूँ,मेरे लिए बहुत खास हो तुम,, -
मेरे हर सजदे की अरदास हो तुम,मेरे ज़ख्मो पर मरहम सा एहसास हो तुम,मैं तुम्हारे लिए कुछ भी हो सकता हूँ,मेरे लिए बहुत खास हो तुम,,
रूठ जाओ कभी तुम तो तुम्हे मना लूँगा,दूर न जाना बस कभी चाहे फिर सज़ा देना,ग़ुस्सा करोगे मुझ पर तब भी चलेगा,मगर खामोशी को अपने होंटो से हटा देना,, -
रूठ जाओ कभी तुम तो तुम्हे मना लूँगा,दूर न जाना बस कभी चाहे फिर सज़ा देना,ग़ुस्सा करोगे मुझ पर तब भी चलेगा,मगर खामोशी को अपने होंटो से हटा देना,,
साँसों मैं भर लूँ तुझे धड़कन तेरे नाम कर दूँ,वो सामने है मगर कोई बता दे कैसे इज़हार कर लूँ,, -
साँसों मैं भर लूँ तुझे धड़कन तेरे नाम कर दूँ,वो सामने है मगर कोई बता दे कैसे इज़हार कर लूँ,,
ओस की बूदों की तरह तेरी पलकों पर ठहर जाऊँ,याद मैं तेरी आज मैं खुद को भूल जाऊँ,आँखें बंद करूँ तो तेरी यादों मैं खो जाऊँ,खोलते ही बस तझे ही पाऊँ,हर सुबह तेरी ज़ुल्फो के साये से नींद खुले,शाम ढलते ही तेरी आगोश मैं सो जाऊँ,इब्बादत तेरी करूँ और खुदा को पाऊँ,मेरा खुदा तू ही है तुझे छोड़ अब किधर जाऊँ, -
ओस की बूदों की तरह तेरी पलकों पर ठहर जाऊँ,याद मैं तेरी आज मैं खुद को भूल जाऊँ,आँखें बंद करूँ तो तेरी यादों मैं खो जाऊँ,खोलते ही बस तझे ही पाऊँ,हर सुबह तेरी ज़ुल्फो के साये से नींद खुले,शाम ढलते ही तेरी आगोश मैं सो जाऊँ,इब्बादत तेरी करूँ और खुदा को पाऊँ,मेरा खुदा तू ही है तुझे छोड़ अब किधर जाऊँ,
धड़कता सिर्फ तेरे होने पर ही है,वरना तन्हाई मैं दिल मेरा बैठ जाता है,, -
धड़कता सिर्फ तेरे होने पर ही है,वरना तन्हाई मैं दिल मेरा बैठ जाता है,,
अजीज हो तुम दिल के बहुत करीब हो तुम,यूँ रूठा न करो मेरी चाहत की हद के वली हो तुम,, -
अजीज हो तुम दिल के बहुत करीब हो तुम,यूँ रूठा न करो मेरी चाहत की हद के वली हो तुम,,
मुजरिम समझ के ही कैद करलो हमे,तुम्हारे बिना ये आज़ादी सूनी लगती है,, -
मुजरिम समझ के ही कैद करलो हमे,तुम्हारे बिना ये आज़ादी सूनी लगती है,,