Maitri Surnar   (maitri)
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Joined 21 April 2020


Joined 21 April 2020
1 JAN AT 20:23

ना कोई ख्वाइश नहीं
जहां जज़बाद की
कदर ही नहीं वहां
आंसू बहाना बेकार हैं।

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1 JAN AT 20:19

सोचा न था ऐसा भी होगा
हम खुद हमारेही
दोस्त बन जाएंगे।
जो तकलीफें मिली दूसरों से
उसका जवाब खुद ही दे आयेंगे।

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16 DEC 2024 AT 21:04

ज़िन्दगी के उस मुकाम पे
आए थे जहां मौत
आसान सी
लगने लगी थी।

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16 DEC 2024 AT 21:02

अपने ही होते हैं वो जो सबसे ज्यादा तकलीफ़ देते है।

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12 DEC 2024 AT 22:36

पता नहीं कहां चले जा रहे है
किस की तलाश है दिल को।
पता नहीं कौन सी मंजिल है वो
जहां मेरी तलाश ख़त्म होगी
जिंदगी को नए तरीके से जीने
की आस मिलेगी।

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12 DEC 2024 AT 22:28

यह समय ही उचित समय है
ये सोच के कह दिया
मन में जो था तेरे लिए वो
तेरे आगे बोल दिया।
समझ न तू मुझको ऐरा ग़ैरा
मैं तो तेरे लिए दिल में
कई सारे अरमान लेके ठहरा।
बस एक बार कर तू भरोसा
न दूंगा तुझे शिकायत का मौका।

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7 DEC 2024 AT 22:12


उसे पाने की पर क्या करे
शायद रब को ये मंजूर न था
हम तरसते थे उन्हें पाने को
वो खोए रहते थे किसी और
के खयालों में ।

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5 DEC 2024 AT 23:50

मन हे उदास
बस उसे देखने
की लगी हैं आस
दिख जाय एक
झलक तो मिल
जाय उदास मन
को राहत

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25 JAN 2023 AT 11:41

दुसऱ्या च्या
आयुष्यात जबरदस्ती
घुसण्याचा प्रयत्न
करू नका.

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18 DEC 2022 AT 12:28

काही कळेना काही समजेना
भल्या गर्दीत एकटे झालो
मन उदास झाले

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