क्यूं खेलूं मै होली पिया क्यूं लगाऊं रंग गुलाल
PREEET का रंग ही ऐसा चढ़ा जो उतरे न किसी भी साल
बस कागजी कोरे पन्ने सपने पर जिन्दगी है बेमिसाल
इतनी जिन्दगी मे इतना मिला PREEET रहा ना कोई मलाल
राधा कृष्ण सा संगम पाया रही न कोई अधुरी ख्वाईश
मेरे पिया मोहे रंग दे ऐसे वो रंग बदले न किसी भी हाल
छौटी सी जिन्दगी मे PREEET छौटा सा है मेरा सपना
संसार सब पराई चिज पिया तु ही है गौरी का अपना
Prem Diwani 💞GP💞
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शाहसूनो: शिवस्यैषा मुद्रा भद्राय राजते।।''
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सून सावरे तुही PREM तुही कृष्णा...
बाकी मिथ्या है मेरी तृष्णा...
बस तू एक आस हे तू ही मेरे पास है...
तू ही सांस कृष्णा PREEET तू ही एक एहसास है...-
कृष्णा तेरी शरण मे आकर ही मे सवरती हू...
तुझसे प्रीत लगाकर मे अपना दिल भरती हू...-
GOURY रखे पांव जहा भी
वो दिल की गली PREEET की होती है...
जैसे कोई मधुर धून किसी संगीत की होती है...
देखा अंतरमन मे तो PREEET ही बस समाये है...
मेरी जिंदगी जिस जगह पर है
वहा PREEET के लफ्ज ही लेकर आये है...-
जैसे पत्थर टूटे बिना उसकी मूरत नही बनती...
वैसे दिल टूटे बिना इन्सान की सीरत नही बनती...-
मिले कभी फुरसत PREEET
तो कर लेना GAURY को याद तुम
हम अधुरा ख्याल बनकर
अकसर तुम्हारे दिल के
इर्द गिर्द घुमते रहेंगे
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रिश्ता हो तो दिल से दिल का
मोह का कही भी नाम ना हो...
फिर GAURY के ख्यालों से हो हर सुबह PREEET
और यादो के बगैर कभी शाम ना हो...-