प्रेम एक अद्रश्य घटना है स्वाभाविक है
जब हम कई जन्मो से अकेले रहते चले आते है
तो एक ठहराव होता है जो कहीं आकर रूक जाता है ,
करोडों की आबादी मे प्रेम हमे खुद ब खुद तलाश कर लेता है
जैसे छौटा बच्चा मां को तलाश कर लेता है
उसी तरह प्रेम है जो ना चाहते हुए भी हमसे मिल जाता है
दुनिया मे , जब जिन्दगी की राह मे चलते चलते आत्मा थक जाती है
बहुत सी बातें जो दिल मे दबी रहती है बहुत से अरमान जब जवानी मे जवाँ होते है
तब GAURY जो हम बरसों से दिल के दरवाजे बन्द करके बैठे है तब
उनको खोलने की जरूरत पड़ती है
तुम्हारा हक तुम्हारा वजूद तुम्हारी आज़ादी जो आज तक गुलामी मे जी रही थी
तब प्रेम का मिलना अनिवार्य हो जाता है ।
जो बातें कही नहीं जाती वो बातें कहीं नही जाती।
उन बातों को सुनने वाला कोई तो हो जिससे दिल को सुकूं मिल सके
और दिल मे कुछ भी GAURY शेष न
बचे तब जरूरत होती है प्रेम की ।
यू तो प्रेम हर कोई करता रहा है दुनिया मे पर प्रेम की परिभाषा को जो समझा सके खुद से जो मिला सके , खुद मे रहना जो सिखा सके ,जो हँसा सके,
जो जिन्दगी मे आकर जिन्दगी बदल दे वो ही तो प्रेम है
जो बिना मतलब का हो निस्वार्थ हो जिसमें कोई
मोह ना हो,कोई लगाव ना हो,कुछ भी ना हो जो दूरियों मे भी नजदीकियों का अनुभव करवाये
वो ही प्रेम है
प्रेम ही जीवन है प्रेम ही आगाज है और प्रेम ही अंत है सब इच्छायों का,-
शाहसूनो: शिवस्यैषा मुद्रा भद्राय राजते।।''
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किसी का पास आना और दूर जाना
ये तो एक भ्रम ही है...
GAURY सत्य तो यही हे की हमारे पास
सिर्फ हम ही है...-
क्यूं खेलूं मै होली पिया क्यूं लगाऊं रंग गुलाल
PREEET का रंग ही ऐसा चढ़ा जो उतरे न किसी भी साल
बस कागजी कोरे पन्ने सपने पर जिन्दगी है बेमिसाल
इतनी जिन्दगी मे इतना मिला PREEET रहा ना कोई मलाल
राधा कृष्ण सा संगम पाया रही न कोई अधुरी ख्वाईश
मेरे पिया मोहे रंग दे ऐसे वो रंग बदले न किसी भी हाल
छौटी सी जिन्दगी मे PREEET छौटा सा है मेरा सपना
संसार सब पराई चिज पिया तु ही है गौरी का अपना
Prem Diwani 💞GP💞
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सून सावरे तुही PREM तुही कृष्णा...
बाकी मिथ्या है मेरी तृष्णा...
बस तू एक आस हे तू ही मेरे पास है...
तू ही सांस कृष्णा PREEET तू ही एक एहसास है...-
कृष्णा तेरी शरण मे आकर ही मे सवरती हू...
तुझसे प्रीत लगाकर मे अपना दिल भरती हू...-
GOURY रखे पांव जहा भी
वो दिल की गली PREEET की होती है...
जैसे कोई मधुर धून किसी संगीत की होती है...
देखा अंतरमन मे तो PREEET ही बस समाये है...
मेरी जिंदगी जिस जगह पर है
वहा PREEET के लफ्ज ही लेकर आये है...-