Mahtab Alam   (महताब)
1.1k Followers · 72 Following

read more
Joined 8 January 2019


read more
Joined 8 January 2019
2 NOV 2022 AT 21:26


हमारी रूह में शामिल है किरदार तेरा
तेरी अदाकारी के हम यूँ हीं कायल नहीं।

-


11 JUN 2022 AT 16:16

कभी जान हमारी कभी मकान ले रहे हैं
ये लोग हमारे सब्र का इम्तिहान ले रहे हैं

#IloveProphetMuhammad

-


20 MAR 2022 AT 13:03

मैं होली की खुशियां नहीं मना रहा !
Read in caption

-


19 MAR 2022 AT 12:20

एक सर पर टोपी
एक चेहरे पर गुलाल है
हाँ मगर दोनों दिलो में
एक दूजे का ख्याल है

दो मज़ाहिब के दिलों
में इतनी मोहब्बत,
हमारे वतन की एक
ये ज़िंदा मिसाल है

हमारे तिरंगे के ये दो
सुनहरे रंग देखिए
हमारा कुर्ता सफेद और
उसका कुर्ता लाल है।

-


5 MAR 2022 AT 18:18

बारिशें अब कहाँ हमारे आँगन में होती है
जिधर देखिए बमबारी गगन में होती है

रोज कोई कहीं न कहीं होता है जंगी मुहाज़ पर
रोज जंग किसी न किसी वतन में होती है

ये बंदूकधारियों को क्या चाहिए होता है
क्यों इनकी गोलियां हमारे तन-बदन में होती है

ये लाशो के ढेर देखकर कलम हमसे पूछती है
ये खून की बारिश भला किस सावन में होती है

ये किस माली के हाथों में चमन छोड़ आये हम
रोज कोई फूल कोई पत्ती जलकर राख चमन में होती है

परिंदों की चहचहाहट में अब घबराहट देखता हूँ
क्यों इतनी नफरत इंसानी ज़ेहन में होती है — % &

-


4 MAR 2022 AT 22:38

एक ख़त जो बरसो पहले,
मैंने उसके नाम लिखा था
वो अब भी मेरे पर्स की दीवारों में दबा पड़ा है
मैं उस तक ये ख़त पहुँचा हीं नहीं पाया।

और वो पन्ना जिसपर मैंने अपना दिल,
उस ग़ज़ाली आँखों वाली के नाम किया है
अब उस पन्ने का रंग फ़ीका होने लगा है
और उसमें लिखे अल्फाज़ो का रंग उदास होने लगा है,
मेरी तरह....

लेकिन, उस ख़त में शामिल एक-एक अल्फ़ाज
जो मेरी मोहब्बत की गवाही दे रहें हैं,
उसकी रोशनी, उसकी गहराई कम नहीं हुई
यक़ीनन, ये ख़त जब उसको मिलेगा
वो इसको पढ़कर ख़ुशी से झूम उठेगी

क्योंकि ये प्यार मेरा एकतरफा नहीं है
मैंने उसकी आँखों में मोहब्बत देखी है
और कभी कभी तड़प और बेकरारी भी,
मेरी तरह ....— % &

-


27 FEB 2022 AT 17:01

जब दिल गम-ज़दा होता है
हर किरदार अदा होता है

वो लोग किस्मत वाले होते हैं
जिनको इश्क़ में नफ़ा होता है।— % &

-


25 FEB 2022 AT 20:09

मेरे ख़ुदा थोड़ा सब्र दे मुझको
ये मोहब्बत मुझे तकलीफ़ दे रही है— % &

-


25 FEB 2022 AT 1:37

तुम ख़ुद पे इतना सितम मत करना
मेरी तरह तुम आँखें नम मत करना।— % &

-


20 FEB 2022 AT 22:38

तेरे चेहरे की मुस्कुराहट देख मैं सुकून से भर जाता हूँ
वैसे तो है वजूद मेरा मिट्टी मगर मोती सा निखर जाता हूँ— % &

-


Fetching Mahtab Alam Quotes