हमारी रूह में शामिल है किरदार तेरा
तेरी अदाकारी के हम यूँ हीं कायल नहीं।-
कुछ हकीकत तो कुछ ख़्वाब भी लिखता हूँ
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एक सर पर टोपी
एक चेहरे पर गुलाल है
हाँ मगर दोनों दिलो में
एक दूजे का ख्याल है
दो मज़ाहिब के दिलों
में इतनी मोहब्बत,
हमारे वतन की एक
ये ज़िंदा मिसाल है
हमारे तिरंगे के ये दो
सुनहरे रंग देखिए
हमारा कुर्ता सफेद और
उसका कुर्ता लाल है।-
बारिशें अब कहाँ हमारे आँगन में होती है
जिधर देखिए बमबारी गगन में होती है
रोज कोई कहीं न कहीं होता है जंगी मुहाज़ पर
रोज जंग किसी न किसी वतन में होती है
ये बंदूकधारियों को क्या चाहिए होता है
क्यों इनकी गोलियां हमारे तन-बदन में होती है
ये लाशो के ढेर देखकर कलम हमसे पूछती है
ये खून की बारिश भला किस सावन में होती है
ये किस माली के हाथों में चमन छोड़ आये हम
रोज कोई फूल कोई पत्ती जलकर राख चमन में होती है
परिंदों की चहचहाहट में अब घबराहट देखता हूँ
क्यों इतनी नफरत इंसानी ज़ेहन में होती है — % &-
एक ख़त जो बरसो पहले,
मैंने उसके नाम लिखा था
वो अब भी मेरे पर्स की दीवारों में दबा पड़ा है
मैं उस तक ये ख़त पहुँचा हीं नहीं पाया।
और वो पन्ना जिसपर मैंने अपना दिल,
उस ग़ज़ाली आँखों वाली के नाम किया है
अब उस पन्ने का रंग फ़ीका होने लगा है
और उसमें लिखे अल्फाज़ो का रंग उदास होने लगा है,
मेरी तरह....
लेकिन, उस ख़त में शामिल एक-एक अल्फ़ाज
जो मेरी मोहब्बत की गवाही दे रहें हैं,
उसकी रोशनी, उसकी गहराई कम नहीं हुई
यक़ीनन, ये ख़त जब उसको मिलेगा
वो इसको पढ़कर ख़ुशी से झूम उठेगी
क्योंकि ये प्यार मेरा एकतरफा नहीं है
मैंने उसकी आँखों में मोहब्बत देखी है
और कभी कभी तड़प और बेकरारी भी,
मेरी तरह ....— % &-
जब दिल गम-ज़दा होता है
हर किरदार अदा होता है
वो लोग किस्मत वाले होते हैं
जिनको इश्क़ में नफ़ा होता है।— % &-
तेरे चेहरे की मुस्कुराहट देख मैं सुकून से भर जाता हूँ
वैसे तो है वजूद मेरा मिट्टी मगर मोती सा निखर जाता हूँ— % &-