कि बिना तुम्हारे कुछ करते नही थे
अब करना सिख गए हैं
हम हर पल तुमपे मरते थे अब
जीना सिख गए हैं ।
-
ख़ामोशियों को गले लगाना आसान नहीं
जनाब
बहुत मुश्किल हैं वो सब भुला देना
जिसके कभी सपने देखें थे।-
लगता था हमे ऐसा कि प्यार
है तुम्हारा सच्चा
नही पता था कि ये इश्क का
धागा होगा इतना कच्चा ।-
कितना प्यार है आपसे ये बयां ना कर पाए निगाहों में आपकी निगाह ना कर पाए।
-
तुम्हारे प्यार में कुछ
इस कदर दीवाने हो गए।
खुद को भूलकर
तुममें ही खो गए।-
वो दुर कही उड जायेगी
अब बंदिशो में नहीं रह पायेगी
उसके भी कुछ अरमान होंगे
वो अब अपनी दुनिया बनायेंगी।
पिंजरे में केद अब नहीं जी पायेगी
खुले गगन में उडी चली जायेंगी
छोटी छोटी उम्मीदों से
एक नया आशियां बनाएगी।
वो नीले गगन में उडी चली जायेंगी।
थक कर भी वह फिर से उठ जायेगी
उन बन्धनो में नहीं रह पायेगी
वह अपनी खुशी में झूमकर
कहीं दुर चली जायेंगी।
-
गुस्ताखी हो गयी हमसे
जो तुमसे वफा कर बैठे
नफरत हो गयी खुद से
जो अपनो से दगा कर बैठे-
साथ छोड कर क्या कर लेंगे आप
हमने तो आपके दिल में जगह बनायी हैं
मुँह मोड़ भी क्या कर लेंगे आप
हमने तो अपनी जान भी लुटाई हैं।
भुल कर भी ना भुल पाओगे हमें
हमने तो हर सांस मे
आपकी ही आहट पाई हैं।
अगर हम हैं या नहीं है
हमने तो मोहब्बत बडी सिद्दत से निभाई हैं ।-
हर उस समय को महसूस करती हूँ मैं
हर उस पल के लिए तरसती हूँ मैं
जिसमें बचपन की मीठी यादें है।
जिसमें गम ना हो कर सिर्फ खुशी हैं।
जिसमें खेलने कूदने के
सिवा ओर कुछ काम नहीं हैं
जिसमे चेहरे पर एक अलग सी हसीं हैं।
-
कभी अभिमान तो
कभी स्वाभिमान है पिता
कभी धरती तो कभी
आसमान हैं पिता
जन्म दिया है अगर माँ ने
तो जानेगा जिससे जग वो
पहचान है पिता ।-