Mahi   (©mahipapers)
288 Followers · 92 Following

मैं कौन हूँ, यह मैं खुद भी नहीं जानता ।
Joined 11 May 2018


मैं कौन हूँ, यह मैं खुद भी नहीं जानता ।
Joined 11 May 2018
23 FEB 2021 AT 22:01

लोकप्रदेश का शहंशाह बहुत बड़ा टोपीबाज था
टोपी पहनाते पहनाते 'ताज' भी सरका दिया था

ताज सरक रहा है, शहंशाह का ध्यान सिंहासन की नरमी में है।

-


22 FEB 2021 AT 22:17

I have to maintain it
while having loudest noises in my head.

-


21 FEB 2021 AT 22:20

टूटते हुए तारे को
देखकर भी
मैंने तुम्हें नहीं माँगा

जिसे तुम माँगती
अपने लिए
मैंने उसे माँगा
तुम्हारे लिए

-


20 FEB 2021 AT 22:30

प्रेम में पड़े किसी
'बिंदु' का 'बिंदुपथ'
आड़ा-तिरछा उल्टा सीधा
कैसा भी हो सकता है
प्रेम को दर्शाने के लिए
कोई ज्यामिति नहीं है।

-


19 FEB 2021 AT 22:03

लोग चले जाते हैं, लेकिन चाहत ज़िन्दा रहती है
दिल के इक हिस्से में, उनकी आहट ज़िन्दा रहती है।
दूरियाँ उनसे भले ही बन जाये तकलीफ़ों का सबब
उनकी धुँधली यादों में हमारी राहत ज़िन्दा रहती है।

-


18 FEB 2021 AT 19:05

मैंने हाथ छुड़ाकर अच्छा किया
तुमसे दूर जाकर अच्छा किया
तुम बनने लगी थी मेरे ही जैसी
तुम्हें 'तुम' बनाकर अच्छा किया

-


17 FEB 2021 AT 20:00

तपती हुई रेत में
ज़ख्मी-नंगे पैरों से
लड़खड़ाते हुए भी
जाना तुम
'उस पार'

अगर उस पार तुम्हें
प्रेम दिखाई दे।

-


15 FEB 2021 AT 22:08

without the moon
though it has got stars

That's how I feel
without you
though I've got friends
but, You!

-


14 FEB 2021 AT 20:12

सबको चाहिये कोई प्यार करने वाला
बनना किसी को नहीं प्यार करने वाला

-


13 FEB 2021 AT 19:04

मुझे याद है स्कूल का वो दिन जब
गणित की कक्षा में एक सहपाठी ने कहा था-
सर, सरल सवाल छुड़वा दो और
मुश्किल वाले करवा दो
तब सर ने कहा-
सरल सवालों को सब सरल समझ कर छोड़ देते हैं,
और बाद में उन्हीं सवालों में अटक जाते हैं ।
.
आज उस बात को याद करते हुए
प्रेम के बारे में सोचता हूँ तो
लगता है प्रेम शायद इतना सरल था कि उस को
सबने सरल समझ कर छोड़ दिया
और अब वो सबकी समझ से बाहर हो गया है
और उसके परिणामस्वरूप अब
गढ़ी जा रही है
प्रेम की बेतुकी गूढ़ परिभाषाएं ।

-


Fetching Mahi Quotes