चलती धड़कनों का बस इतना सा फ़साना है.
ना तुझसे कम चाहिए ना तुझसे ज्यादा कभी खुदा से कुछ मांगा हैं...
खुशियाँ माँगी हैं हमेशा तुम्हारी उस खुदा से
हमे खुशी मिले कोई तो तुम्हारे कन्धे पर सर रखकर मुस्कुराना हैं...
यू हसते रोते गुजरा ये साल कुछ फैसले ले के कुछ फासलों को मिटाना है!!
तुमसे शुरू हो हर दिन अपना हर रात तुम्हें दिन का किस्सा सुनाना है..
यू ही उलझी है दुनिया दुनियादारी में, मुझे तो हर पल तेरे संग बिताना हैं!!
माफ कर दिया करो हमेशा कुछ नादानी मेरी...
मैंने तो तुम्हें सारी उम्र सताना हैं !!
कभी मुझे छोड़ के जाने का खयाल भी अपने दिल में ना लाना, तुम जो गए तो मेरी धड़कनों को थम जाना हैं.!!
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