मिडिल क्लास का संघर्ष तब पता चलता है
जब घर से दूर परिवार का पेट पालने की खातिर आप संघर्ष कर रहे होते हैं..
जब भूख से तड़पते हुए आप अपनी घर से लाए हुए राशन की पोटली खोलते है
और उसमें सिर्फ एक मुठ्ठी चावल और दो रोटियों भर का आटा मिलता है..
जब तन पर सालों से दो जोड़ी कपड़े , पैर में फटे मोजे और ऊपर से
किसी तरह ढके जूते होते हैं..
जब नौकरी की तलाश में दर-दर ठोकरे खाते हैं और
हर शाम आकर देहली पर उदास बैठ जाते हैं..
जब बड़ी दुर्गति के बाद मिली नौकरी में
मालिक के ताने उसकी गालियां खाते हैं और
हर रोज वहां से निकाल दिए जाने के भय में रहते हैं..
जब घर पर बूढ़े मां बाप द्वारा रोज आपका हाल पूछे जाने पर
आप बस एक बात बोलते हैं कि सब ठीक है..
जब आपके पिता की दवा के लिए और बहन की पढ़ाई के लिए
पैसे की मांग आपकी मां करती है और आपके जेब में एक रुपए नहीं होते हैं..
जब आपका परिवार कर्ज में डूबा होता और आप अपने परिवार की इकलौती उम्मीद होते हैं..
जब महीने भर आपसे काम लिए जाने के बाद
आपकी उम्मीद को तोड़ तनख्वाह काट लिए जाते हैं..
जब लोग आपके हालात नहीं समझते और
बाहरी वेशभूषा को देख आपका मजाक उड़ाते हैं..
जब आप ईमानदारी से सब अच्छा कर रहे होते है किंतु
फिर भी आप दोषी ठहराए जाते हैं..
जब आप तमाम परेशानियों से दबे होकर कुछ बड़ा करने और बड़ा बनने का ख्वाब देखते हैं ।
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माँ सरस्वती के आशीष से लेखनी मेरी चले
मूक होकर भी यहाँ शब्द मेर... read more
शीर्षक - मर्यादा पुरुषोत्तम राम
पावन भूमि अयोध्या नगरी में
मर्यादा पुरुषोत्तम राम पधारे।
सरयू के निर्मल पवित्र जल से
प्रभु जी के हम चरण पखारे ।।
हिंदू-मुस्लिम के भेद से ऊपर
मानवता का एक राष्ट्र बनाये।।
जंग लड़ रहे सियासत में जो
उन्हें हम शांति का पाठ पढ़ाये।।
धर्म ,सत्य और न्याय है अग्रिम
मिलकर आज हम सभी बताये।।
आस्था और श्रद्धा की जननी
मन मंदिर में ईश्वर को बसाये ।।
श्रीरामचंद्र की जन्मभूमि पर
ब्रह्म सहित सब देवगण आये।।
कलयुग में हुआ देव-आगमन
अँजुरी भर-भर पुष्प बरसाये।।
हम सब भारतवासी मिलकर
आओ स्वागत में दिये जलाये।।
श्रीराम जी प्राण प्रतिष्ठा में
भक्तजन झूमे,नाचे और गाये।।
- महिमा यादव-
आखिर गुनहगार कौन?
खत्म हो रही इंसानियत , मर रहा है जनतंत्र
हैवानियत सर पर बैठा , कर रहा है सब अंत
छोड़ गई फिर दुनिया एक बेटी जीने की चाह में
और जिस्म के भूखे दरिंदे आज भी हैं स्वतंत्र?
आखिर कबतक चलेगा ये अन्याय का किस्सा
कबतक निर्दोष बेटियाँ हवस का शिकार बनेंगी
कल भी जली थी निर्भया और आज भी जल रही
आखिर कबतक बेटियाँ चाकुओं की मार सहेंगी
पौरुष का दुरूपयोग दरिंदगी की सारी हदें पार हुई
लूटी गई अस्मत और फिर इंसानियत शर्मसार हुई
न्याय, प्रशासन, लोक ,कानून सब एकाएक मौन
आखिर बेटी का गुनहगार कौन निरुत्तर सरकार हुई-
गुलामी की बेड़ियों में जकड़
मुझे तोड़ने का प्रयास किया गया..
अंग्रेजी भाषा के पैरों तले
मुझे कुचलने का प्रयास किया गया...
परंतु हिंद की एकता और जनमानस
की आवाज ने मेरे सम्मान को बचाये रखा..
मैं भाग्यशाली हूँ कि करोड़ों भारतवासियों
की मातृभाषा होने का दर्जा पाया...
हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
गर्व से... हिंदी हैं हम!
~महिमा-
डायरी की दासताँ
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मैं डायरी हूँ तेरी खास मोहब्बत
अधूरे ख्वाबों में हसीं रंग भर दूँगी
दास्तान-ए-वफा शब्दों में पिरोकर
मेरे पन्नों में लाना इश्क़ कर लूँगी
जब जब लिखेगा गम को मुझपर
तेरी कलम को थाम मैं रो पड़ूँगी
(अनुशीर्षक में पढ़ें)-
हे दीनदयाल!, हे पालनहार!
भवसागर से हमें उबार......
तेरी शरण में बैठे हैं कबसे
कर जगत अंधियारा उजियार
मोह माया में सृष्टि पड़ी सब
कर समग्र सृष्टि का उद्धार
अज्ञानता के वश में लिपटे
कर मानव-जीवन कल्याण
अश्मिता लगी है दाव पर
अमानवीयता का बढ़ा प्रकार
नारी का तुम लाज रखो प्रभु
वैमनस्य रिपुदल का करो संहार
पुरुषार्थ की ज्ञान निधि से
कर जन्मसफल हे लखदातार!
हे बंशीधारी ! मंगल मूरति
मुरली धुन से धन्य हुआ संसार
दीनन के दुःख हरण कर प्रभु
कलयुगी दुष्टों का कर नरसंहार
हे कृपनिधान! जगत विख्याता
तेरी 'महिमा' है अपरंपार.....
-महिमा की कलम से✍
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पर्यावरण संरक्षण
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हे प्रकृति के कर्णधार !
करो ना धरा पर अत्याचार
पर्यावरण का संरक्षण हो
वसुधा की है यही पुकार
निर्मल पावन हो जग सारा
सुखी समृद्ध हो संपूर्ण संसार
संकट में न मानवता हो
कुकृत्यों का करो संहार
कर्तव्य मिलकर अपनाओ
प्रकृति फल पर करो विचार
वृक्षारोपण नित प्रति करके
हरियाली का रखो ख्याल
जीवन को तुम स्वर्ग बनाओ
पशु-पक्षियों से करो तुम प्यार
प्रदूषण को खत्म करो सब
जीवन को दो सुंदर आकार
नदी, नहर और नील गगन भी
देखो विनती करतें बारम्बार
जग को आपदा से बचाओ
पर्यावरण को दो नया आधार
-महिमा
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The peace that you seek outside in the world is always in your inner soul.
Don't pay attention to what the others are saying about you..
You have to listen only the sound of your heart.
Spend your precious time making yourself worthy.
Do something good as a human being.
Keep a sense of love for animals,birds and
for all beautiful things of nature.
Try to establish human religion and stay away from racism .
Recognize yourself and try to know what you are
and what you should be...
Work with patience , one day you will definitely successful.
And yes ,for all these you prove yourself with your karma .
-Mahima Yadav-
मजदूर
अक्सर वे लोग ही बेघर हो जाते हैं
जो दूसरो के लिए आशियाने बनाते हैं ।
दिन भर जो कड़ी धूप मे जलते हैं
दो वक़्त की रोटी के लिए तरस जाते हैं।
अपने परिवार का पेट पालने की खातिर
हालातों से मजबूर एक मजदूर बन जाते हैं।
अपनी मेहनत और पसीने की बदौलत
वे कड़ी मिट्टी को भी सोना बनाते हैं।
जिस उम्र मे हाथ मे कलम होनी चाहिए
उनके बच्चे हाथ मे फावड़ा लिए चलते हैं।
ये कैसी बेबसी आन पड़ी है ईश्वर
बच्चे खाने की आस में सो जाते हैं
और घर में चूल्हे तक नही जलते हैं।
वैसे अन्ततः एक बात कहूं तो....
अमीरो के पास संपत्ति बहुत है
मगर गरीबों को देने में क्यों शरमा जाते हैं?
- Mahima
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