आप सभी को गणतंत्र दिवस की
हार्दिक शुभकामनाएं💐💐— % &-
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जब भी खिचड़ी बनाने की सोचा
कभी नमक, कभी हल्दी
का रंग रूठा
दिमाक इतना खाली है
रंग मीठा था
उससे भी फीका बता बैठा।-
बस, आपकी ख्वाहिशों में...
देरी से सही...
ख़ुदा ने फ़रियाद सुनी...
हाँ, पर बातें आज भी याद है...
बस यादें रह जाती हैं...
और बातें...
दिल में कुछ समा जाती हैं...-
"बेटा तुम्हें समाज में बहुत अपमान सहना पड़ेगा,
बड़ी घृणा झेलनी पड़ेगी। इस सबकी परवाह न करना।
तुम्हें पढ़ना है। बिना पढ़े कोई भी बड़ा आदमी नहीं बन
सकता। जब तुम बड़े आदमी बन जाओ, तब समाज की
इस गंदी रीत को बदल डालना, यही मेरी इच्छा है।"
----- भीमाबाई ( भारत रत्न 'अंबेडकर' की माँ )-
"द्वार पर यदि शत्रु आकर विनम्रतापूर्वक
बात करने की इच्छा जाहिर करें तो
उनका भी स्वागत करना चाहिए।"
------ द्वारकाधीश-
ईश्वर की कृपा हमेशा मनुष्य पर रहती है
बस वह सत्कर्म करें।
---- महिमा शनिदेव की-
पौराणिक :- रुद्राक्ष वृक्ष की उत्पति
कभी-कभी 'सत्य' के लिए 'आडम्बर' व
'असत्य पर चलना' भी उचित होता है।
'सर्वश्रेष्ठ देवता' घोषित करवाने के लिए 'अहंकार'
करने का ढोंग 'सत्य के देवता शनिदेव' को भी
करना पड़ा क्योंकि ये सृष्टि के लिए उचित था।
---- महिमा शनिदेव की-