यह दिल कितना पागल है,
हर पल तुझे याद करता है।
मेरे सीने में धड़कन तो मेरी है,
लेकिन धड़कता तो तेरे नाम से है।
कभी तेरी याद में हंसता है
कभी याद कर वह सारी बातें रो पड़ता है।
तो कभी फोन में देख तस्वीर बहुत सी बातें करता है।
यह "दिल "ही तो है जो तुझ पर दिन रात मरता है।-
रोज सुबह की किरणें एक संदेशा लाती है,
दोपहर की धूप में उदासी छा जाती है |
दिन गुजर जाते हैं लोंगो की सलामी करते,
रात के अंधेरे में तन्हाई सताती है ||
सोचता हूँ कि कुछ कर जाऊं जिससे लोग मुझसे प्यार करे,
पर क्या करूँ..-
कभी झगडा तो कभी मस्ती,
कभी आंसू तो कभी हंसी,
छोटा सा पल और छोटी छोटी ख़ुशी,
एक प्यार की कश्ती और ढेर सारी मस्ती,
बस इसीका ही तो नाम है दोस्ती !!-
हौंसला मत हार गिरकर ए मुसाफिर,
अगर दर्द यहाँ मिला है तो दावा भी यहीं मिलेगी !!-
मंजिल कितनी भी दूर क्यूँ न हो,
पर हिम्मत मत हारिये,
क्यूंकि पहाड़ों से निकली नदी ने
कभी किसीसे समुद्र का रास्ता नहीं पूछा !!-
देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने क़रीब से
चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से-
दिल को तिरी चाहत पे भरोसा भी बहुत है
और तुझ से बिछड़ जाने का डर भी नहीं जाता
आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा
वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जाएगा-
अजीब तरह से गुजर रही है जिंन्दगी,
[सोचा कुछ] [किया कुछ] [हुआ कुछ] [मिला कुछ]…-
कागज की कश्ती थी पानी का किनारा था;
खेलने की मस्ती थी दिल ये आवारा था;
कहां आ गए इस समझदारी के दल-दल में;
वो नादान सा बचपन ही सबसे प्यारा था।-
जिन्दगी में जो भी हांसिल करना हो उसे वक्त पर हांसिल करो,
क्यूंकि जिन्दगी मौके कम और धोखे ज्यादा देती है !!-