तुझे तेरा मूकाम मुबारक हो...!
तुझे तेरा मूकाम मुबारक हो...!
तेरी कामयाबी का जश्न सुबह तक हो...!
इस चमचमाती दुनिया मे हमे भूल न जाना...!
इस चमचमाती दुनिया मे हमे भूल न जाना...!
चाहे कितना भी हमसे दुर हो जाना...!-
I am not a born writer 🙆
If anything is wrong in my quotes please correct me
इल्म था मुझे...!
तेरी दिल की बाते आंखें बयां करती है...!
तेरी दिल की बाते आंखें बयां करती है...!
काश उस रोज़ ये कम्बख्त आंसू बीच में ना होते...!
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आँखों से ओझल हुए जैसे कोई सपना...!
आँखों से ओझल हुए जैसे कोई सपना...!
उन पलों को याद करके रोता हूँ जब तुम्हे माना था अपना...!
पता नहीं धोका तुम्हारा था या तक़्दीर का...!
ईक लकीर सी खिंच गई है दोनों में...!
ईक लकीर सी खिंच गई है दोनों में...!
तुम उस पार हो तो मै इस पार हु...!
दुःख जुदाई का दोनों को था...!
दुःख जुदाई का दोनों को था...!
तुम्हे यादो का था तो मुझे वादो का था...!
पता नहीं धोका तुम्हारा था या तक़्दीर का...!-
तेरा यु मद्धम मद्धम मुस्कुराना..।
चुपके से मुझे देख के नज़रें चुराना..।
तेरी एक एक याद दिलो दिमाग में बसी है..।
तेरी एक एक याद दिलो दिमाग में बसी है..।
आज भी उतनी ही प्यारी लगती तेरी हसीं है..।-
तेरी आँखों में छुपे कई राज है ।
महफ़िल में तुझे देख के चाँद भी शर्मा जाये, ऐसे तेरे अंदाज है ।।
नसीब इस नाचीज़ का तुम पे एक नज़र पड़ी ।
नसीब इस नाचीज़ का तुम पे एक नज़र पड़ी ।
ऐसा लगा आसमान से आई कोई अप्सरा है खड़ी ।।-
इस रात की सुबह होने का इंतज़ार है।
तुम्हारे दिलदार के लिए जिया बेकरार है।
तुझको नज़रे ढुंढ रही है मुखड़ा तो दिखा जा।
आँखें रास्ता ताक रही है , वो आने वाले आजा।
आँखें रास्ता ताक रही है , वो आने वाले आजा।
अपना मुखड़ा तो दिखा जा।-
बड़ी शिद्दत से तुम्हे चाहा है..!
तुम्ही में बस्ता मेरा सारा जहां है..!
एक पल की भी दूरी अब बर्दाश्त नहीं होती..!
तेरे बगैर ये नींद कहा पूरी होती..!
आंखें अक्सर पूछती है तुम्हारा पता..!
आंखें अक्सर पूछती है तुम्हारा पता..!
दिल पे पत्थर रख के बोलते है वक़्त हमसे है खता..!-
जब तू मुझे मिलता है मेरा दिल खिलता है..
तेरे जाते ही आँखों में आँसू आते है..!
काश मै तुझे अपने पास रख पाती..!
काश मै तुझे अपने पास रख पाती..!
तो शायद इतनी ना होती जज्बाती..!-
बड़े मुश्किल से आज सोया हु..!
तेरी यादो में रात भर रोया हु..!
कही न कही आज भी तू मेरे दिलो दिमाग पे छाई है..!
कही न कही आज भी तू मेरे दिलो दिमाग पे छाई है..!
जहाँ भी जाता हु हर जगह तेरी परछाई है..!
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बड़े जल्दी इल्म हो गया हमें वर्ना हम तो कुछ कायरो को दोस्त समझ बैठे थे...!
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