Mahendra Singh Bhandari  
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Joined 6 October 2019


Joined 6 October 2019
20 APR 2020 AT 13:24

कभी नीम सी जिंदगी
कभी नमक सी जिंदगी ।
ढूँढते रहे उम्र भर....
एक शहद सी जिंदगी ।।

ना शौक बङा दिखने का
ना तमन्ना भगवान होने की ।
बस आरजू जन्म सफल हो...
कोशिश "इंसान" होने की ।।

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4 JAN 2020 AT 21:05

देखा देखी मत कर यारा
मन से खुद को परख ले यारा

क्यों चलता है दूसरों के नक्शे कदम पर
खुद कुछ बनके दिखा अपने बल बूते पर

तुझमें भी साहस की आग है दुनिया को दिखा
अपने अंदर के बेहतरीन खुबियों को दे जगा

दुनिया के पीछे भागके मत ढूंढ रास्ते
हर लम्हा खड़ा है तेरे साथ काबिल बनाने के वास्ते

देखा देखी मत कर यारा
मन से खुद को परख ले यारा

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14 DEC 2019 AT 12:39

"मैंने नन्हे हाथो को काम करते देखा है,
इस ज़िंदा शहर में बचपन को मरते देखा हैं"

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12 DEC 2019 AT 20:09

मैं जानता हूँ तुम्हारा मुझमें न आदि है और न है अंत

इसलिए मैं भी तुमको लिखना चाहता हूँ अनन्त तक

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11 DEC 2019 AT 18:34

"शॉर्यम दक्षम युद्धे"
"बलिदान परम् धर्म"
"बलिदान परम् धर्म"
"बलिदान परम् धर्म".
"Shauram" means shaurya(courage,daring).
"daksham" means dakshta(completeness in war skill, skill weaponry in war)
"yuddhe" means war.

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18 NOV 2019 AT 23:16

Do it for the people who want to see you fail !

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11 NOV 2019 AT 20:21

लाओ ! पोछ दूं‌ तुम्हारे माथे का पसीना,
ए 'अज़ीज़' हसरतों...
तुम थक गयी होगी,
मेरी जिंदगी का गला घोटते–घोटते !!

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6 NOV 2019 AT 10:03

उम्मीदें, ख्वाहिशें, जरूरतें, जिम्मेदारियां...
बड़ा हुआ तब से मैं कभी अकेला नहीं रहा !!

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31 OCT 2019 AT 23:05

मेरी इतनी भी उम्र नहीं कि
तुम्हारा गुज़रा किस्सा लगूं
मेरी अब भी ये कोशिश है
कि थोड़ा बहुत अच्छा लंगू !

मैं दुनिया को दिखाता हूं
कि मैं भी भीड़ सा ही हूं
किसी पे क्या जाहिर करूं
किसी को क्यों तन्हा लगूं !!

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28 OCT 2019 AT 13:10

एक 'दिया' उनके लिए भी
जिनके घर में 'दिया' नहीं !

एक 'दिया' उनके लिए भी
जिनको घर ही दिया नहीं !!

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