Mahendra Pratap  
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Joined 27 January 2019


Joined 27 January 2019
7 JAN 2022 AT 13:52

हम नींद होना चाहते ,बस एक नींद ना ज्यादा न कम

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3 JAN 2022 AT 20:50

वो शहर जितना अनजान था मेरे लिये
उतने ही उस शहर के लोग ।
पर जब तुम मिली तो शहर से दिल्लगी हो गई
जब तुमनें मुझे आगोश मे लिया
तो सच मे लगा दिल्ली दिल वालों की हैं

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1 JAN 2022 AT 19:28

ये हे ख्वाब की बातें, ये नया सवेरा
ये तुम्हारी आंखें उनमें मेरा बसेरा
ये नीला आसमा जो धरा पर छा गया है
वो नूर मेरा ओर मैं उसका सबेरा


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1 JAN 2022 AT 5:07

रात का तिसरा पहर बीत चुका हैं ओर हम घुप्प अंदेरा चीर कर भोला के घर पहुंच चुके है ।
भोला भाई ने घर पहुंच कर चाय कि तपेली पर चाय बना ली है , चाय खत्म होने से पहले ही राधा ने गैस बंद करने का नसीहत दे दी है , जिसको बिस्तर पर पड़े पड़े दो कप चाय पीने के बाद भी ऐसा लग रहा है जैसे वह सपने में है। वैसे तो हम खेत से गांव धमाचौकड़ी करने आए थे , लेकिन गांव मे सन्नाटा ऐसा छाया है जैसे लगता है कि पूरा गांव कुंभकरण की नींद उधार लेकर सैंदक नींद सोया हुआ है , तभी हमारी उलूल जुलल सी बातें सुनकर राधा को एहसास हो चुका है कि यह सपना नहीं है यह दोनों भाई शेरू के भरोसे खेत छोड़कर यहां चूल्हे में अपने हाथ सेंक रहे है तभी हमारे भोला भाई को भोलेनाथ की याद आई और उसने यह फरमान जारी कर दिया क्यों ना आज गांव के शिव मंदिर को धोया जाए ।
और फिर हम दोनों पानी की केन लेकर मंदिर की ओर चल दिए ।
चूहा निकला बिल से हैप्पी न्यू ईयर दिल से

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31 DEC 2021 AT 21:22

यह मंजिल हमें कितनी सुंदर लगती थी
जैसे ख्वाब में बिताईं हुई वो चांदनी रातें
लेकिन जब निकले सफर पर तो एक धुंध सी छा गई
ना सूरज निकला सफर में, ना उसकी रोशनी का पता
यह जिंदगी है मियां जिंदगी कह कर लेती है

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30 DEC 2021 AT 21:13

250 km का सफर एक मेडीकल इमरजेंसी
ओर दिनभर कि थकान ओर एक सूकुन कि नींद
ओर एक मुसाफिर को क्या चाहिए ।

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28 DEC 2021 AT 23:05


स्वप्न से स्वप्न की बात होती रही
हम मिले तो धरा पर मोन छा गया
.........9302230385

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27 DEC 2021 AT 18:37

हर घर मे कहानियों कि अनसुलझी दास्तान होती हैं
ये कहानियां कभी इतिहास मे लिखी नहीं गई ,
इस सदी के इन कलाकारों कि आंखें इतने आंसू वहा
चुकीं हैं , अगर इन आंसुओं को सहेज कर रखा जाऐ
तो विज्ञान हमे आंतरिक्ष तक का सफर मानव स्वपन से पहले करादे ।

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27 DEC 2021 AT 14:08

समुद्र कितना दूर , तुम कितनी पास हो
मुझे मानसरोवर होना होगा , हमारे लिये

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25 DEC 2021 AT 17:42

एक दिल हैं , एक समा हैं ,
और उसकीं याद हैं
930*†*0385

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