जो कानों तक नहीं पहुँचे वही अल्फ़ाज़ मत होना।
जिसे दिल जान ना पाए कभी वो राज़ मत होना।
है मुमकिन गलतियों से गलतियों का भी तो हो जाना।
मुझे तुम कुछ भी कह लेना मगर नाराज़ मत होना।
(अनामिका)- Kumar mahendra
18 OCT 2018 AT 15:02
जो कानों तक नहीं पहुँचे वही अल्फ़ाज़ मत होना।
जिसे दिल जान ना पाए कभी वो राज़ मत होना।
है मुमकिन गलतियों से गलतियों का भी तो हो जाना।
मुझे तुम कुछ भी कह लेना मगर नाराज़ मत होना।
(अनामिका)- Kumar mahendra