Mahendra Kumar Pandit   (पंडित)
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Joined 6 October 2018


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23 MAR 2022 AT 21:17

पहला टूटने के बाद दूसरा मजबूत निकलता है।
दूध के दांत ही नहीं दोस्त, दिल भी होता है।

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25 NOV 2021 AT 20:42

जहांँ प्यार होगा वहांँ ग़लत-फ़हमियां तो होंगी ही
हम इंसान है फ़रिश्ते नहीं, कमियां तो होंगी ही
सूखे हुए दरख़्तों पर कभी आती नहीं बहारें
हैं आँखों में बड़े ख़्वाब तो नमियां तो होंगी ही

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19 NOV 2021 AT 18:21

एक " मर्द " की जुबान भले ही नकली निकल जाए पर एक पुरुष के आंसू कभी भी नकली नहीं होते।

#International_men's_day

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25 OCT 2021 AT 11:20

अगर वो भी आपको खोने से डरता है जिसे खोने से आप डरते हो तो डरने की कोई ज़रुरत नहीं। अगर उसको कोई फ़र्क नहीं पड़ता तो आप उसे पहले ही खो चुके हो और डरने की कोई ज़रुरत नहीं।

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12 OCT 2021 AT 22:38

बिछोह मिलन से पचास प्रतिशत आसान होता है।
मिलन के लिए दो व्यक्तियों की सहमति चाहिए जबकि बिछोह के लिए केवल एक की असहमति।

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10 OCT 2021 AT 9:25

In relationships these days, a person experiences a journey from being oxygen for someone to being a non-valuable trash. A journey from "I can't live without him/her" to "I dumped him/her".

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8 OCT 2021 AT 22:29

ज्यादातर रिश्तों की मौत के दो ही कारण हैं-
अहम और वहम।

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5 OCT 2021 AT 7:55

कल रात यूं ही याद फ़िर से तुम्हारी आ गई
सोचा फोन करूं पर बीच में ख़ुद्दारी आ गई

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18 SEP 2021 AT 22:31

हम तुझमें तुझको नहीं वफ़ा ढूंढते रहे
तुम मुझसे दूर जाने की वज़ह ढूंढते रहे
मेरे पास न तुम पहुंचे तुम्हारे पास न मैं
क़रीब होकर भी हम यहां वहां ढूंढते रहे

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18 SEP 2021 AT 22:17


बात जैसी समझते हो वैसी कोई बात नहीं
सादगी तो मेरा सलीका है मेरी औकात नहीं
अपनी सोच अगर मिलती तो बात ही और थी
जो समझना है समझो जाओ, कोई बात नहीं

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