शिव जी हैं तेरे आराध्य तो
करना भक्ति सीखों रावण से
मनोकामना सावन मे होंगी पूरी
चलो निकल पड़े हम सब कावड़ पे-
ज़िन्दगी जीने का, हिसाब किताब बदल रहा हैं
प्रेम नहीं अब तो, सिर्फ समझौता चल रहा हैं-
शिक्षा की कसौटी पर, हर
मनचाहा कार्य श्रेष्ठ करना
जिसमे सेवा भाव ना हो, वो
चिकित्सा का क्षेत्र मत चुनना-
धरती के सूखे अधरों को
सावन की तमन्ना जैसी हो
प्रेम का सैलाब आ जाये
एक बारिश ऐसी हो-
अपनी अस्मिता के नाम पर ज़हर मत घोलो
ज़ुबा कोई भी बोले, पर मानवता की सीमा ना भूलो
एक कोख से जन्मी सन्तानो मे भी भेद हैं
किस मुँह से कहते हो की, हमारी ही भाषा तुम बोलो
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ईश्वर के बाद जिसे मिले स्थान
देव तुल्य हमारे चिकित्सक महान
कोटि कोटि आप को प्रणाम
आपकी सेवा निष्ठा पर हैं अभिमान
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस की हार्दिक शुभ कामनाये
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दुनियां लाख बुरा कहें बोतल मे खराबी हैं
पीकर तुझको ही मिलती, जुबां को आजादी हैं-
जात पात धर्म मजहब ना देखे
जिसका प्रेम ही निवाला हैं
दोस्तों को जोड़ती ये मधु शाला हैं
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