तुम्हें अपनी नहीं मालूम
हम पे थोप दी ये
जितनी भी हैं जिम्मेदारी
कैसे जलाये दीये.-
Mahender Bhartiya
(Hans mahender sigh)
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Philosophy is mine way
Joined 26 April 2018
20 FEB 2022 AT 20:03
20 FEB 2022 AT 19:53
नफरत नफरत मा भेद
एक नफरत अकेली,
दूजी नफरत दावाग्नि,
बुद्धि कर खोखली,-
15 FEB 2022 AT 11:40
चैन गया नींद गई,
और गया सुकून.
धर्म कहीं दिखै नहीं.
बेईमानी परवान.-
12 FEB 2022 AT 7:28
सुनी सुनाई बात का मत करना विश्वास,
पहले कसौटी पे कसे होगा सत् आभास.-
11 FEB 2022 AT 20:27
बाबा ढोंगी है महत्वाकांक्षा आधार.
नकल कर प्रेम की देते जो आकार.
-
1 FEB 2022 AT 10:55
झुका कर शान तिरंगे की देखो देशहित आया,
मंहगाई डायन बढ रही बताओ किसने मान घटाया.-
30 JAN 2022 AT 10:09
भले भलाई दोउ संघ में.
अहं घनेरा अंध में,
जाने ना शक्ति क्षम्य को.
व्यर्थ तंग हाल में.-
30 JAN 2022 AT 9:51
बहुत करीब है गरीब,
प्रकृति के संग,
अमीर जिनसे जुझते,
वे लड़ते हैं जंग.-
29 JAN 2022 AT 10:21
राम गया और गया श्याम,
मारिच युग परवान.
मनस विकार अमिट,
बदले नहीं तनिक बेईमान.-
22 JAN 2022 AT 9:47
नकारा त्याग में भेद है,
समझो तुम चाल,
आसमान तुम बांट लो,
थोथे बजाके गाल.-