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"धरा पर आज हूँ मैं तो मेरी मम्मी के कारण है
जो कपड़े लाल पीले है मेरी दीदी के कारण है
मनाता साथ हूँ जिनके सभी होली दिवाली मैं
मेरे घर में बढ़ी रौनक मेरी भाभी के कारण है"
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"दीप इक जल रहा है हवा के लिए
द्वार दिल का खुला है खुदा के लिए
तुमसे मिल जिंदगी अब मुकम्मल हुई
हम तुम्हारे हुए है सदा के लिए "-
"जन्मदाता के ख्वाबों का तालाब हूँ
रेत पर फेंक दो फिर भी शादाब हूँ
बात होती मोबाइल से शाम-ओ-सुबह
फिर भी घर जाने को कितना बेताब हूँ"
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"गलतफहमी है तुमको ये महज मैं ही खफा तुमसे
वगरना सर्दियों में बारिशें होती नहीं अक्सर"
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" इस बार दीवाली पर किस्मत ने एक कमाल किया है
आंखों ही आंखों में हमनें बयां यूँ दिल का हाल किया है
अंधियारे मन के आंगन में आश के लाखों दीप जले जब
छत पर आकर चाँद ने हमसे वीडियो कॉल किया है"
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"कर्म अच्छे किये जिसका परिणाम है
भाई जिसका यहाँ दूसरा नाम है
बाद माँ बाप के सर झुकाए जहाँ
दोस्ती जिंदगी में वही धाम है "-
"वो अपने चौकों छक्कों पर तालिया बजा रहे हैं
यहां हर रोज उनके फैंस मरते जा रहे हैं"-