Maharaj Singh   (ꪑꪖꫝꪖ®ꪖJ ડⅈꪀᧁꫝ)
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Joined 19 June 2020


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Joined 19 June 2020
14 JAN AT 19:21

दो नावों पर पाँव पसारे ऐसे कैसे,
वो भी प्यारा हम भी प्यारे, ऐसे कैसे

सूरज बोला बिन मेरे दुनिया अंधी है,
हँस कर बोले चाँद सितारे, ऐसे कैसे

तेरे हिस्से की ख़ुशियों से बैर नहीं,
पर मेरे हक़ में सिर्फ ख़सारे, ऐसे कैसे

गालों पर बोसा दे कर जब चली गई वो,
कहते रह गए होंठ बिचारे, ऐसे कैसे

मुझ जैसों को यहां पर देख के कहते हैं वो,
इतना आगे बिना सहारे,ऐसे कैसे।

-असद

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11 SEP 2024 AT 15:12

Aur pyar ek waisa bhi samandar hai
Jisme yadi saathi saath na de to
kinaare ke siwa kuch aur milta bhi nhi hai

Sad but true

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11 SEP 2024 AT 13:34

Tum ishq karo
Aur Dard na ho,
Mtlb December ka mahina
aur thand na ho....

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9 SEP 2024 AT 21:33

ऐसा नहीं है कि मैं भूल गया हूँ उसे,
हाँ, बस अब थोड़ा ज़िक्र कम करता हूँ।
ज़िम्मेदारियों ने कुछ इस कद्र जकड़ा है मुझे,
कि अब प्यार मोहबब्त जैसा कुछ समझ ही नहीं आता।
थोड़ा सा समय निकालकर कोशिश की थी मैंने एक दिन,
नाकाम रहा अपने भविष्य के आगे किसी दूसरे को चुनने में।
ऐसा सोचा करती होगी शायद वो भी कुछ,
कि जो रोज़ आवाज़ सुने बग़ैर रह नहीं पाता था,
वो अब हफ़्ते गुज़र जाते याद ही नहीं करता।
तो ऐसा है ना कि अब मन तो करता है,
पर दिल नहीं करता बात करने का।
होता क्या है कि जब किसी इंसान को आप दिल से चाहो
उसे अपना सबकुछ समझ लो और आपको उसकी ज़िन्दगी में वो जगह ना मिल पाए जो आपकी होनी चाहिए तो तकलीफ़ होती है और उसी तकलीफ़ से बचने का उपाय है ये कि अपनी ज़िम्मेदारियों को समझो और आगे बढ़ो।
माना थोड़ा तकलीफ़ होगी पर बाद में सुकून बहुत मिलेगा, और हाँ, थोड़ी हँसी भी आयेगी खुद पे।😄😇
आखिर तक पढ़ने के लिए धन्यवाद। 🙏
लगा नहीं था कोई इधर तक पड़ेगा, पर आप आये हैं तो बताता चलूँ कि कहानियों में कई बार बहुत दर्द छिपा होता है जो पढ़ने वाला पढ़ नहीं सकता पर समझने वाला समझ ज़रूर सकता है यदि कोशिश करता है तो।

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9 SEP 2024 AT 14:33

कठिन रास्ते हैं फ़िर भी चलते हैं हम,
गिरते हैं, उठते हैं सँभलते हैं हम।

कई लोग मिले कई मोड़ पर हमें,
अपना कौन है ये भी समझते हैं हम,

आते-जाते कोई भी दो शब्द बोल भी दे
फ़िर भी दिल लगाने से बहुत डरते हैं हम,

लोग पूछते हैं बात नहीं होती तो क्या करते हो
अब हम ही जानते हैं
मेरे शाम के वक़्त से कैसे गुज़रते हैं हम,

कठिन रास्ते हैं फ़िर भी चलते हैं हम,
गिरते हैं, उठते हैं सँभलते हैं हम।

आखिर में कुछ नया खेल ज़रूर खेल जाती है वो,
जैसे ही उसकी यादों से उबरते हैं हम।

तू साथ रहे ज़िन्दगी भर,
इसके लिए क्या-क्या नहीं करते हैं हम,

कठिन रास्ते हैं फ़िर भी चलते हैं हम,
गिरते हैं, उठते हैं सँभलते हैं हम।

गिरते हैं उठते हैं संभलते हैं हम.......

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8 SEP 2024 AT 7:16

पूछो जा के कोई कि जब आगे कुछ ना दिखे तो क्या करें,
खुदा से कह दो, मोहबब्त भी हमारे बदले खुदा करे।
दर्द वो भी तो जाने किसी से जुदा होने का,
वो भी हमारे दिल को समझे और फिर सबसे वफा करे।

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24 JUN 2023 AT 11:58

I got played many times 😂
POV: "hasde chehre da matlab.... "😂

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13 JUN 2023 AT 17:45

ऐसे डगमगाएे कि फ़िर किसी से न सम्भाले गए,
जख़्म नासूर करके हमारे अंदर पाले गए,
एक वक़्त था उसने कमरे के अंदर तक बुलाया था हमको,
और आज हम बाकायदा दिल से भी निकाले गए ।

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9 JUN 2023 AT 14:38

वो ख़ेल रही थी शतरंज मेरे साथ,
और हम राजा रानी की पर्ची निकाल रहे थे;
कपड़े उतरने वाले इस दौर में मुर्शद,
हम उसका दुपट्टा सम्भाल रहे थे;

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11 JUL 2022 AT 15:24

Kahte hain
"pyar kiya to darna kya",

Are jab pyar kiya hai
tabhi to dar Lgta hai,

Sara zamaana
dushman ho jata hai yrr
😐

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