Maha Kaleshwar Nath Dubey   (Maha Kaleshwar Nath Dubey)
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Joined 11 January 2018


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Joined 11 January 2018
16 JAN 2023 AT 23:05

हम इस फूल के बगीचे में, काग़ज़ के फूल बेचने आये हैं
सोने के महलों के सामने, मिट्टी के धूल बेचने आये हैं

नादानियां हमारी गलतियों में, तब्दिल हो गयी इस कदर
की दुनियावालों के सामने, हम अपनी भूल बेचने आये हैं

ज़िंदगी इस तेरह बेदर्द हो जाएगी, ये हमें मालूम न था
आँख खोलकर देख तु भी, कि शाहब अपने वसूल बेचने आये हैं

तमाम उम्र जिनकी राह तकते तकते गुज़ार दी हमने
आखिरी वक़्त पे वो अपनी, मोहब्बत के कबूल बेचने आये हैं

और जब तक जिया तब तलक, मुलाकात न कि उनलोगों ने
मेरी मय्यत पर वो अपनी सूरत फ़िज़ूल बेचने आये हैं

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7 JUL 2022 AT 21:27

जिंदा रहोगे तो कहानी होगी
चले हो रास्ते पे तो निशानी होगी।

बनाकर कोई भी नहीं देगा तुम्हें
यहाँ तक़दीर ख़ुद बनानी होगी।

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29 JUN 2022 AT 18:34

सुना है मेरी ग़ैरमौजुदगी में कुछ मामलात हो गया
ज़रा हम भी तो देखें ये कौन सा बात हो गया।

चलो जीते हैं नए दौर में नए तरीके से दोस्तों
सादगी से जीना ,जैसे एक आसमानी ख्यालात हो गया।

हमारे अपने ही भोंकते हैं अब पीठ में खंज़र यहां
ऐसा तो इन दिनों, अब जीने के लिए हालात हो गया।

हमें खुशमिजाजी से जीते हुए देख जलते हैं कुछ लोग
जैसे हमारा हर करम उनके लिए मानों दिन-रात हो गया।

सच कहने अगर मिलता है जहर का प्याला हमें
तो लो देखो "दुबे" भी मुस्कुराते हुए "सुकरात" हो गया।

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15 JUN 2022 AT 19:48

ये माना के हमने पहले इज़हार नहीं किया
मग़र ये मत कहना के हमने प्यार नहीं किया।

तुम्हें वक़्त देने की ख़ातिर,अपना ख़्याल तक छोड़ा
हां, सिर्फ़ तेरे इक़रार का हमने इंतज़ार नहीं किया।

तुमसे दिल्लगी होने के बाद आज भी जानेजां
हमने किसी और पे फिर ऐतबार नहीं किया।

जिस्म का सौदा तो हम भी कर लेते तेरे साथ
हाँ रूह के सौदे पे हमने इंकार नहीं किया।

तेरे जाने के बाद कुछ ऐसे हो गए हैं हम यहां
फिर दिल को इश्क़ में सरोबार नहीं किया।

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11 JUN 2022 AT 0:41

मयान हूँ ख़ाली सा तलवार के बिना।
बिक गया बाज़ार में इकरार के बिना।।
रहबर ने हाथ छोड़ा तो तन्हाइयों ने पकड़ा
घूम रहा हूँ संसार में संसार के बिना।।

के ख़ाली मोहब्बत से पेट भरता नहीं दुबे
जीना भी पड़ता है कभी प्यार के बिना।
गुज़र रही है ज़िंदगी इस क़दर यहां
जैसे समंदर में कश्ती हो पतवार के बिना।

हम, फिर से आप और तुम हो गए हैं
हां, टूट रहें हैं दोनों ही टकरार के बिना।
क्या याद नहीं आती हमारी, रातों को तुम्हें
ये किस क़दर जी रहे हो तुम इज़हार के बिना।

बिना याद किये, रातों को नींद नहीं आती,आज भी
ये मानते हैं हम भी इनकार के बिना।

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24 MAY 2022 AT 20:29

DEPRESSION
When your conscious mind want to be like a personality or try to adapt a personality and wanna play that role, which is not you. And your subconscious mind always try to convince that you are not like that personality..
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When your imagination brokeup and you realise that your CONSCIOUS and SUBCONSCIOUS minds are fighting and struggling towards each other's perception and belief system..
That is exactly known as depression..

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19 MAY 2022 AT 19:09

दीवार की एक सुराख़ ने उसमें
सेंध लगाने का रास्ता दे दिया।

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30 APR 2022 AT 14:24

What though, the field is lost. I haven't lost the unstoppable courage and undominated will..

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15 APR 2022 AT 11:25

कभी कभी अच्छा होता है दिल का टूटना।
कभी कभी अच्छा होता है ये पता चलना जिसे आप अपना मानते हैं, वो आपको पराया समझते हैं।
कभी कभी अच्छा होता हैं उनलोगों से अपने ऊपर वार सहना, जिन्हें बचाने के लिए आपने सब कुछ दांव पे लगाया था।
कभी कभी अच्छा होता हार जाना और बिखरना।
कभी कभी अच्छा होता, जब लोग अब के साथ गलत करते हैं।
💔
चाहे भले हमें उस समय, बुरा लग रहा हो, लेकिन हर चीज़ किसी न किसी कारण से होती हैं, जो हमें और मजबूत और ताकतवर बनाती है।

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14 APR 2022 AT 22:48

हम बेचते रहे, गुब्बारे में सांस भरकर
कुछ लोग हवा समझ, इसे फोड़ते गए।

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