जा तू आज से पूरा-पूरा आजाद होगा।
तेरी जिन्दगी अब तुझसे ही आबाद होगा।
ना फैसल ना आलम सर का डर होगा।
मेहनतो-कामयाबी से तेरे हर कोई शाद होगा।
बिना सोचे-समझे कोई कदम ना रखना आगे।
तेरा करियर तेरी ही गलतियों से बर्बाद होगा।
जा तुझे अब रोज-रोज क्या नसीहत दूं।
शायद तुझे मेरी अच्छी-बुरी सलाह याद होगा।(होगी)
जा जिन्दगी में बहुत मिलेंगे हम जैसे अक्सर!
हो सकता है वो ही, तेरे लिए मवाद होगा।
छोटी सी जिन्दगी है, अपना मकाम पैदा कर ।
आज तु औलाद है, कल तेरा औलाद होगा।
वक्त का कदर मेहनत को कर सलाम ।
वरना जिन्दगी ही तेरी जिन्दगी का अजदाद होगा।
Alaम, तूभी अक्सर परेशान करता रहता है इसे।
इसे पता है, इसकी मेहनत ही इसका जायदाद होगा।
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ख़ुशी भी होती है,दर्द भी मिला रहता है!!
हिंदी मेरी प्यारी हिंदी!
सबकी दुलारी हिन्दी!!
तू गर्व है हिंदुस्तान की!
तू पहचान है हर एक
अनजान की!!
तू कविता है तुलसी की!
तू कथा है मुंशी की!!
मेरी प्यारी हिंदी!
सबकी न्यारी हिंदी..!!
(🎂हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं💐)-
हिंदी मेरी प्यारी हिंदी।
सबकी दुलारी हिन्दी।।
तू गर्व है हिंदुस्तान की।
तू पहचान है हर एक
अनजान की।।
तू कविता है तुलसी की।
तू कथा है मुंशी की।।
मेरी प्यारी हिंदी।
सबकी न्यारी हिंदी..!!
14 सितम्बर 2024
(🎂हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं💐)-
❤️HAPPY❤️
(T) खुद को जलाकर कर जिसने कितनों
(E) की ज़िन्दगी में दीप जलाई है..!!
(A) अपने ग़मौं को छुपा कर जिसने कितनों
(C) के ज़िन्दगी में खुशियां बढ़ाई है...!!
(H) बिना थके जो करता रहे काम सुबह-शाम
(E) वह है शिक्षक वह है शिक्षक...!!
(R') और वह आज तक वहीं का वहीं है,
(S) जिसने कितनों की ज़िन्दगी बनाई है..!!
(D) इस इंटरनेट के दौर में भी आज बाक़ी है
(A) जिनका वक़ार और पहचान..!!
(Y) ख़ुदा रा शुक्र है, की
'Alaम' तूने भी ऐसी ही तक़दीर पाई है.!!-
I miss you like a cloud.
I feel you like a proud.
Don't leave me like an orphan.
Because you are my heaven.
Don't go far from me.
I can't live without thee.
I will wait for you like
a worshiper.
Remember, call me when
you'll need a glimmer..!!😢-
Struggle is the name of life.
Without struggling you can't survive..-
Mujhe Marne ki ab tu maza dede.
Jete ji hi Marne ki ab tu saza dede..-
खुद को साबित करने पर, क्यों तुले हो।
इश्क़ मजाज़ी पे ही तुम, यूं फुले हो।।
खैर तुम्हें तो अभी, सब आसान लगता है।
क्योंकि जुर्म करके की भी, तुम खुले हो।
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हमें अपनों की कद्र करना, सीखने में समय लगता है।
वरना ख्वाबों को राश्ता छोड़ने में कहाँ वक्त लगता है।-