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📑My 𝐢𝐧𝐬𝐭𝐚𝐠𝐫𝐚𝐦 Account: @madhyamika_
✍️ जब कुछ सन्देह हो , निसंदेह ल... read more
चांद की चमकीली चमक
पर्वत ने ओढ़ी चादर सफेद
परियों की दुनिया
सपनों की आकाशगंगा
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शीर्षक- "संस्मरण"
"बैठी हुई प्रसन्नचित्त कोयल भोर की सुनहरी किरण में,
हल्की हल्की हवा को महसूस करती चरण में,
प्रकृति का स्वछंद रूप प्रफुल्लित करती मन ही मन में,
यह सुन्दर दृश्य कठिन है व्याख्यानवित करना संस्मरण में।।"-
स्त्री की इतनी सी दीवानगी है,
साथी डिम्पल से झुर्रियों तक का साथ दे।
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स्त्री की भूमिका निभाना आसान बात नहीं,
यहां दाग पानी के भी लग जाया करते है।
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तुम्हें भूल पाना आसान नहीं,
बहुत कोशिश की पर हमसे हुआ नहीं,
मेरे सपनों मे हमारा रोज मिलना होता है।
मेरी बातों मे आपकी बातें होती है,
कभी यकीन ना हो तो मुझे गले लगाना,
मेरी धड़कनो को खुद सुन कर देखना।
सिर्फ तुम्हारी ही आवाज़ सुनाई देगी,
तुम्हें भूल पाना आसान नहीं,
बहुत कोशिश की पर हमसे हुआ नहीं।
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तन्हाई ये शब्द ही तन्हा महसूस कराता है,
लेकिन इसमें यादों का खजाना होता है।
यहा होते तो सब अकेले है,
पर मन की बातों की गुत्थी खोलते है।
यहा दिल की हर बात खुलती है,
अपने मन की आवाज सुन पाते है।
आगे की जिंदगी जीना सीख जाते है,
इसलिए ये तन्हाई अच्छी लगती है।-