Madhyamika   (Madhyamika©️)
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Joined 11 July 2020


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Joined 11 July 2020
5 FEB 2023 AT 14:09

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31 DEC 2022 AT 19:23

Expectations

Expectations

&

Expectations







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20 DEC 2022 AT 16:01

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2 NOV 2022 AT 9:14

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12 OCT 2022 AT 23:28

चांद की चमकीली चमक
पर्वत ने ओढ़ी चादर सफेद
परियों की दुनिया
सपनों की आकाशगंगा

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12 OCT 2022 AT 23:17

शीर्षक- "संस्मरण"

"बैठी हुई प्रसन्नचित्त कोयल भोर की सुनहरी किरण में,
हल्की हल्की हवा को महसूस करती चरण में,
प्रकृति का स्वछंद रूप प्रफुल्लित करती मन ही मन में,
यह सुन्दर दृश्य कठिन है व्याख्यानवित करना संस्मरण में।।"

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29 SEP 2022 AT 12:12

स्त्री की इतनी सी दीवानगी है,
साथी डिम्पल से झुर्रियों तक का साथ दे।

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29 SEP 2022 AT 11:50

स्त्री की भूमिका निभाना आसान बात नहीं,
यहां दाग पानी के भी लग जाया करते है।

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28 SEP 2022 AT 13:12

तुम्हें भूल पाना आसान नहीं,
बहुत कोशिश की पर हमसे हुआ नहीं,
मेरे सपनों मे हमारा रोज मिलना होता है।

मेरी बातों मे आपकी बातें होती है,
कभी यकीन ना हो तो मुझे गले लगाना,
मेरी धड़कनो को खुद सुन कर देखना।

सिर्फ तुम्हारी ही आवाज़ सुनाई देगी,
तुम्हें भूल पाना आसान नहीं,
बहुत कोशिश की पर हमसे हुआ नहीं।

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28 SEP 2022 AT 12:58

तन्हाई ये शब्द ही तन्हा महसूस कराता है,
लेकिन इसमें यादों का खजाना होता है।

यहा होते तो सब अकेले है,
पर मन की बातों की गुत्थी खोलते है।

यहा दिल की हर बात खुलती है,
अपने मन की आवाज सुन पाते है।

आगे की जिंदगी जीना सीख जाते है,
इसलिए ये तन्हाई अच्छी लगती है।

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