खुली नज़र से जो ख़्वाब देखो तो फिर नज़ारा दिखाई देगा।
वो जिसको सेहरा समझ के बैठे हो उस में दरिया दिखाई देगा।
नज़र पर इतना भरोसा करना मेरी नज़र में सही नहीं है।
नज़र भी आख़िर नज़र है प्यारे नज़र से क्या-क्या दिखाई देगा।।
अजीब जादू है उनकी आँखों में हमने देखा है तुम भी देखो।
के बाद उनके जिधर भी देखो उन्हीं का चेहरा दिखाई देखा।।
Shayar/writer
- Madhyam saxena
19 JUL 2018 AT 17:34