खेतों में फसल के साथ खरपतवार भी उगते हैं,
हम उसे फसल नही कहते,
उखाड़ फेंकते हैं,
वासना भी प्रेम की दुनियाँ में
खरपतवार से ज्यादा कुछ नहीं,
उसे प्रेम का नाम ना दें,
प्रेम दो आत्माओं का मिलन है
और वासना दो जिस्मों का
जहाँ प्रेम है वहाँ वासना नहीं,जहाँ वासना है वहाँ प्रेम कहाँ।
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