अब तेरे लौटने की आस नहीं इसलिए भी ये दिल उदास नहीं कुछ नहीं चाहिए किसी से मुझे और कुछ भी किसी के पास नही सब्र का फ़ल तो मिल गया है मुझे लेकिन इसमें ज़रा मिठास नही
एक पल में एक सदी का मज़ा हमसे पूछिये दो दिन की जिंदगी का मज़ा हमसे पूछिये भूले है रफ्ता रफ्ता उन्हें मुद्दतो में हम किश्तों में खुदकुशी का मज़ा हमसे पूछिये