madhur ¥   (माधुर्य)
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Joined 26 February 2020


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Joined 26 February 2020
2 JUL 2021 AT 15:38

जीवन की अनजानी राहों में,
कुछ मीत मिले वो प्रीत बने
फ़िर उनकी ऐसी रीत बनीं
दुनिया ने जिसके गीत कहें।

जीवन की अनजानी राहों में,
कुछ ऐसा हमको साथ मिला
किसी ने हमको हाथ दिया
जीवन भर उसने साथ दिया।

जीवन की अनजानी राहों में,
कुछ जीत से हम रूबरू हुए
वो जीत हमेशा सुर्खरू रही
और उसकी हमेशा ख़ुशबू रहीं।

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5 SEP 2020 AT 22:25

ख्वाइशें हमारी चाहत तुम्हारी
मिलें चले बढ़े... 😊

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28 AUG 2020 AT 19:08

◆Love with conditions
◆Rights without duties
◆Services without compassion
◆Relationship without commitment
◆Work without ethics n morals

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20 AUG 2020 AT 0:57

दिल्ली
तुझको छोड़ना कहाँ था इतना आसां
तू तो मुझमें बसती है
वो गाँधी विहार की गलियों से लेकर
खड़ग की चाय, बब्लू भैया की बुक शॉप
यारों को रूम दिलाने से लेकर
लाइब्रेरी में पढ़ने जाना
साथ में दौड़ने जाना या पैदल ही घूमना
डीएसई की यादों से लेकर
ख़ूब जम कर पढ़ाई करना,
या हो ख़ुद से ही लड़ाई करना
दिल्ली तुमने मुझको कितना सिखाया
मुझको जमीं से उठा कर आसमां तक बिठाया
ऐसे तू समां गई है मुझमें
नामुमकिन है तुझसे जुदा ही हो जाना...

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17 AUG 2020 AT 14:58

हमारे सवालों के ज़वाब हमें मालूम होते है बस हमें ख़ुद के साथ सच्चाई से रहना चाहिए, बिना किसी छल या बेईमानी के साथ अपना मूल्यांकन करना चाहिए।

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14 AUG 2020 AT 18:39

1-अपनी पसन्द मानने के लिए दूसरों को विवश कर देना
2- किसी भी रिश्ते में अपने सामने वालों की बातों को तरज़ीह न देकर। और
3- अपने सामने वाले व्यक्ति के व्यक्तित्व को समाप्त कर के, उसके सपनों को मारकर।

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14 AUG 2020 AT 11:22

मुझे तुम्हारे साथ ही रहना है
तुझसे हर प्यारी बातें करना है
तेरी हरदम केअर करना है
तेरी मीठी गाली सुनना है....

हमारे सपने पूरे करने है
वफ़ाएं निभानी है
एके-दूजे का साथ देना है
फलक तक साथ चलना है

सारे वादे पूरे करने है
तेरे-मेरे गाने सुनने है
वो बाँसुरी की धुन
छेड़ तेरी रूह में
सदा के लिए हमको
ठहर जाना है.....

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13 AUG 2020 AT 23:09

स्वार्थ
निर्दयता
और छोटी सोच

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11 AUG 2020 AT 23:42

मैं वो दरिया हूँ कि हर बूँद भँवर है जिसकी,
तुमने अच्छा ही किया मुझसे किनारा करके।
-राहत इंदौरी साहब

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11 AUG 2020 AT 20:22

आज हम दोनों को फ़ुरसत है, चलो इश्क़ करें.
इश्क़ दोनों की ज़रूरत है, चलो इश्क़ करें...
आप हिन्दू, मैं मुसलमान, ये ईसाई, वो सिक्ख
यार छोड़ो ये सियासत है... चलो इश्क़ करें...


अलविदा राहत साहब... आप नज़्मों, लबों और यादों में रहेंगे... इन्तिहा आराम फरमाएं।💐 😑🙏

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