यूँ तुम्हारी जुल्फों का आँखों के सामने का पहरा
मानो जैसे सुबह की पहली किरण निकल रही है
चेहरे पर मुस्कान की एक अलग ही रौनक
जैसे घने काले बादलों में से चाँदनी बिखर रही है
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फिर भी सरल शब्दों में लिखना ही है अंदाज़ मेरा...!!!
चाह... read more
एक अजीब सी कशमकश है दिल में मेरे,
ये तुझे भुलाना भी नहीं चाहता और तुझसे अब दिल लगाना भी नहीं चाहता..,
चाहता है कि इस दिल को भी अब फिर से प्यार मिले,
लेकिन ये कमबख्त किसी और पर अब आना भी नहीं चाहता...!!!
©️Madhur Bihani-
आंखें तरस गयी ये मेरी उनसे एक बार आंखें चार करने को..,
राते गुज़र गयी ख़यालों में न जाने कितनी बस उनसे एक बार बात करने को..,
जानता हूं में, कि दिल उनका मेरे लिए नहीं धड़कता..,
फिर भी तम्मन्ना है दिल की मेरे उनको एक बार मोहब्बत का इज़हार करने को...!!!-
तुम इसे दुआ मानो, या समझो इसे बद्दुआ मेरी..,
कोई शक़्स तुम्हे जरूर मिले, पर मुझसा न मिले...!!!
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हर कोई अपने दिल की बात कर लेता है जिससे..,
उस चाँद की बेबसी देखो,
सुबह होते ही सब भूल जाया करते हैं...!!!
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अनजान से जान बनकर फिर अनजान हो जाना..,
जैसे आसमान से गिर कर फिर आसमान हो जाना...!!!
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नशा उनकी आंखों का किया था हमने,
जो आज भी रूह पर चढ़ा है..,
नशा जो जिस्मो का करते हैं,
वो लिबाज़ बदलते फिरते हैं...!!!
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ये जानते हुए भी की मौत सत्य अटल है
हम मौत के डर से जिंदगी नहीं जीते
मर मर के जीते है मरने से पहले
हम कभी जिंदगी को जिंदगी सा नहीं जीते...!!!
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आंखें बस मेरी उनका दीदार चाहती है..,
खुली आँखों से ही सपने उनके, हर बार चाहती है..,
ऐतबार दिल को मेरे अब खुद पर भी न रहा..,
ये तो बस उनसे अब प्यार चाहती है...!!!
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