मातृत्व दिवस की सभी को
हार्दिक शुभकामनाएँ
“माँ के रूप में
सब कुछ दे दिया ईश्वर ने “
माँ तुम एक नाम नहीं
पैग़ाम हो त्याग और ममता का
तुम केवल एक रिश्ता नहीं
श्रृंगार हो मेरे जीवन का ..
तुमसे मेरी ज़िंदगी शुरू हुई थी
तुमने ही उंगली पकड़ कर
मेरी ज़िंदगी को आज तक चलाया
मेरे हर सवाल पर
तुमने ही दिया जवाब
तुमने ही मेरे जीवन का अंदाज़ बनाया ..
दुख सुख की हर घड़ी में
तुम्हारा आशीर्वाद ही तो
हर मोड़ पर मेरे काम आया ..
तुमसे बहुत प्यार किया मैंने
और झगड़ा भी कई बार किया
तुम्हारे प्यार में फिर भी ना
कोई नुक्स मैंने पाया ..
रिश्ते बहुत मिले जीवन भर मुझको
हक़ जो तुम पर जताया मैंने
वो किसी रिश्ते में नहीं पाया ..
माँ तुम मेरे जीवन की अनमोल इबारत हो
जिसको पढ़ती हूँ बार बार
पर फिर भी याद नहीं रख पाती
माँ चाह कर भी मैं तेरे जैसी बन नहीं पाती ..
ईश्वर से मांगने को मेरे पास अब
बचा नहीं कुछ भी
तेरे जैसी माँ दे दी मुझको
अब इसके आगे ईश्वर की कुछ देने की हैसियत कहाँ है !!
- मधु शर्मा
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“एक बदला ऐसा भी”
सब तरफ़ हाहाकार
चारों ओर तबाही का मंजर
मासूमों की ली थी तुमने जान
बदले में और क्या मिलता तुझे ऐ पाकिस्तान..
क्या सोचा था तूने
की अब भी चुप रहेगा हिंदुस्तान
क्या नहीं जानता तू
कि अब किसके हाथों में है भारत की कमान ..
एक एक मासूम की ज़िंदगी की क़ीमत
सूद सहित वसूल रहें हैं
इंसान की जान की क़ीमत क्या होती है हमारे देश में
ये अच्छे से समझा रहे हैं
वीरों से भरा है हमारा देश
जल थल और नभ सारी सेना तुम पर भारी हैं
यहाँ बुर्के में रहने का चलन नहीं
सीमा पर भी कदम से कदम मिलाती
नर के साथ नारी है ..
कलमा तुमने पढ़वाया था
हमने तो पूरी गीता पढ़ा दी तुमको
कौरवों के साथ क्या हुआ था
इसकी छवि दिखला दी तुमको ..
बड़ा ललकार रहे थे हमको
दरिंदगी से डरा रहे थे हमको
चूहे की तरह बिलों (बंकर) में घुसते फिर रहे हो
मोदी को कहा था ना बताने को
अब उसकी क़ीमत चुका रहे हो
शेर है इस देश का नेता
अब तुम ये समझ लेना
अबकी बार जो हश्र हुआ है हमेशा याद रखना
भारत की सेना मज़बूत है
और हर देश वासी के ऊपर मोदी जी का हाथ है
भूल कर भी फिर
भारत से पंगा मत लेना ..
- मधु शर्मा
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“सुप्रभात”
दूर की सोच रखना
ज़िंदगी को सरल बनाता है
और अपनों को खुश रखना
ज़िंदगी में खुशियाँ ले आता है
हो सके जितना भी
तो किसी को धोखा मत देना
फरेब की किसी के लिए भी बिसात मत बिछाना
सरलता जीवन का गहना है
जिसको खरीदना नहीं पड़ता
पर जो भी सरलता का गहना पहन लेता है
उसकी ख़ूबसूरती के आगे
कोई टिक नहीं पाता ..
- मधु शर्मा
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“ये तो सिर्फ़ ट्रेलर है”
जब तक थी बात घर में ही
चुप था हिंदुस्तान
जब तक कर सकता था सब्र किया
बेकार नहीं लेता वो किसी की जान
शेर रहते हैं इस देश में
दहाड़ना हमको भी आता है
वक़्त का इंतज़ार करते हैं
चूहों की तरह बिलों में दुबक कर
अंदर से घर नहीं खोदा करते
मूर्खों की बिसात है तुम्हारी जानते हैं हम
वक़्त पर बल दिखाना हमें ही आता है
धर्म के नाम पर अधर्म करने वालों
ये तो एक ट्रेलर था
तुम इसी से बोखला गए
दिल दिमाग़ और ताक़त सब का निचोड़ है हमारे पास
वक़्त पर किसका करना है इस्तेमाल
ये बस हिंदुस्तान को ही आता है
अब भी जागो और चूहा बिल्ली का खेल बंद कर लो वर्ना
अधर्म पर धर्म को विजयी बनाकर दिखायेंगे
अपना हक तो लेंगे ही
तुमको तुम्हारी औक़ात भी दिखायेंगे ..
जय हिन्द - जय भारत
- मधु शर्मा
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“सुप्रभात”
चाय किसी के साथ पीने का तो सिर्फ बहाना होता है
लोग कहने को शर्माते हैं
की तुम्हारी बहुत याद आ रही है
सिर्फ ये कहना ही काफ़ी है
आ जाओ चाय साथ पिये बहुत दिन हो गए
नशा चाय का नहीं
अपनों के साथ का होता है
जो ख़ुशममिज़ाजी की पहचान है
चाय की खूबी है ये
की वो दोस्ती निभाने की पहचान है …
- मधु शर्मा
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“सुप्रभात”
भोर मुस्कुरा रही है
पक्षी गीत गा रहे हैं
सूरज का आगमन हुआ है हौले हौले से
हवाएं जीवंत होने का अहसास करा रही हैं
कलियों ने खिल कर
फूलों का रूप लिया है इस तरह
मानों नन्हे मुन्ने का आगमन हुआ है अभी अभी
ये जीवन है अनवरत यूँ ही चलता रहे
धरती पर हर इंसान को
जीवन का आनंद यूँ ही मिलता रहे …
- मधु शर्मा
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“सुप्रभात”
कुछ लम्हे खूबसूरत होते हैं
कुछ लाजवाब होते हैं
कुछ भूलने लायक़ होते हैं
कुछ अविस्मरणीय होते हैं
ज़िन्दगी है ये
इसमें सब कुछ अप्रत्याशित घटता है
आने वाला समय सपने की तरह
ज़िंदगी में आस बनाये रखता है
जो बीत गया वो भूल कर
आने वाले कल में
खिलते हुए फूलों की ख़ुशबू महसूस करो
वही ज़िन्दगी जीने का
बेहतरीन सलीका है …
- मधु शर्मा
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“ सुप्रभात”
जब कभी युद्ध जीत कर
जाँबाज सिपाही घर लौटता है
सीना देश का भी फ़क्र से फूल जाता है
मुश्किल घड़ी से जब इंसान
ज़िंदगी और मौत की लड़ाई जीत लेता है
परिवार की खुशियाँ मानो
परवान चढ़ती हैं
वक़्त की बिसात है ये
हार जीत के खेल में
इंसान एक मोहरा है
दिल दिमाग़ और मेहनत लगन के साथ
आत्मविश्वास ही इन सभी खेल के मजबूत पासे हैं
जो हर तरह के युद्ध में काम आते हैं …
- मधु शर्मा
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“सुप्रभात”
कुछ लोगों से हारना अच्छा नहीं लगता
किसी से जीत कर भी ख़ुशी नहीं मिलती
किसी से मिल कर भी मन खुश नहीं होता
किसी से कितना भी मिल लो
मन नहीं भरता
ये रिश्तों की गहराई की पहचान है
रिश्ते होते हैं दिल के
खून के ही रिश्ते हों
ज़रूरी नहीं
मन से जब मन मिलता है
तब रिश्ता जीवन भर साथ चलता है …
फूल से कोई रिश्ता नहीं सूरज का
पर सूरज के निकलते ही
फूल मुस्कुरा कर खिलता है ..
- मधु शर्मा
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“सुप्रभात”
कर्मों के आगे
सारे पूजा पाठ फेल हो जाते हैं
गंगा में डुबकी लगा कर भी
किसी के पाप कहाँ धुल पाते हैं
मीठे बोल कितना भी बोल ले इंसान
मन में छुपे पाप
प्रभु की नज़रों से कब छुप पाते हैं
इंसान सब जानता है
कि उसके कर्म ही उसकी गति का लेखा जोखा रखेंगे
फिर भी गलती पर गलती करता है
अपने दिल की नहीं सुनता
जो अपने दिल में बैठे प्रभु की सुन ले
तो कभी किसी कष्ट में ही नहीं पड़े..
- मधु शर्मा
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