समेटना चाहती हूँ...बिखरे जज्बातों कोरोकना चाहती हूँ...अश्कों के सेलाबों को..काश ले जाये मेरे...अरमानों की राख कोईकरना चाहती हूँ दफन मरे हुए एहसासों को..!! -
समेटना चाहती हूँ...बिखरे जज्बातों कोरोकना चाहती हूँ...अश्कों के सेलाबों को..काश ले जाये मेरे...अरमानों की राख कोईकरना चाहती हूँ दफन मरे हुए एहसासों को..!!
-
ये चाँद पिघलकर ...कभी गिरता क्यूँ नहींहर बार तारा ही टूटकर...बिखरता क्यूँ है..? -
ये चाँद पिघलकर ...कभी गिरता क्यूँ नहींहर बार तारा ही टूटकर...बिखरता क्यूँ है..?
रह जाता भरम हमें भी अपने प्यार कातू लगकर गले.....ग़र जुदा होता..!! -
रह जाता भरम हमें भी अपने प्यार कातू लगकर गले.....ग़र जुदा होता..!!
अब ये सुबह..सुबह जैसी नहीं होतीमेरी रात अब पहले जैसी नहीं होती..सो जाती थी गले लग कर जिसकेसांसों की अब वो आवाज़ नहीं होती..जो कहता था आ सो जा मेरी मोटीसामने उसकी अब वो आँखे नहीं होती..सोचा था ना जायेगा छोड़कर कभी देखने को मेरे पास उसकी कोई तस्वीर नहीं होती..कहना चाहती हूँ हर हाल दिल का उसेसुनने को उसके पास फुर्सत नहीं होती..ठहरते नहीं आँसू आँखों की तह मे अबपोंछने की लिए किसी की अंगुली नहीं होती..दें चुकी हर इम्तिहान तेरी महोब्बत मेअब मुझसे सहन तेरी बेरुखी नहीं होती..लड़ती हूँ रोज़ अपने भगवान से अब उसके दर पर भी कोई सुनवाई नही होती..सर झुकाये बैठी हूँ तेरे दीदार को कब से लौट आओ ना फ़िर से सहन अब तेरी जुदाई नहीं होती..!! -
अब ये सुबह..सुबह जैसी नहीं होतीमेरी रात अब पहले जैसी नहीं होती..सो जाती थी गले लग कर जिसकेसांसों की अब वो आवाज़ नहीं होती..जो कहता था आ सो जा मेरी मोटीसामने उसकी अब वो आँखे नहीं होती..सोचा था ना जायेगा छोड़कर कभी देखने को मेरे पास उसकी कोई तस्वीर नहीं होती..कहना चाहती हूँ हर हाल दिल का उसेसुनने को उसके पास फुर्सत नहीं होती..ठहरते नहीं आँसू आँखों की तह मे अबपोंछने की लिए किसी की अंगुली नहीं होती..दें चुकी हर इम्तिहान तेरी महोब्बत मेअब मुझसे सहन तेरी बेरुखी नहीं होती..लड़ती हूँ रोज़ अपने भगवान से अब उसके दर पर भी कोई सुनवाई नही होती..सर झुकाये बैठी हूँ तेरे दीदार को कब से लौट आओ ना फ़िर से सहन अब तेरी जुदाई नहीं होती..!!
लेते हो कितने और इम्तिहान देखते हैसब्र का अपने आज मुक़ाम देखते हैकहाँ तक़ ले जायेगा ये इश्क़ अपनामहोब्बत का अपनी अंजाम देखते है..!! -
लेते हो कितने और इम्तिहान देखते हैसब्र का अपने आज मुक़ाम देखते हैकहाँ तक़ ले जायेगा ये इश्क़ अपनामहोब्बत का अपनी अंजाम देखते है..!!
किस-किस तरह से इम्तिहान लेते होकुछ कह दो ना.. क्यू दूर जा बैठे हो..अब आँसू भी सूख गए इन आँखों केलगा लो ना गले से ..क्यू जान लेते हो..रख दो लबों को अपने होटों पर मेरेबात-बात पर..क्यू छीन तुम मुस्कान लेते हो..!! -
किस-किस तरह से इम्तिहान लेते होकुछ कह दो ना.. क्यू दूर जा बैठे हो..अब आँसू भी सूख गए इन आँखों केलगा लो ना गले से ..क्यू जान लेते हो..रख दो लबों को अपने होटों पर मेरेबात-बात पर..क्यू छीन तुम मुस्कान लेते हो..!!
कुछ इस तरह देती हूँ दलिलें.....ख़ुद को अब मैं,गुनहगार भी कहती हूँ और निर्दोष भी ठहरा देती हूँ तुम्हे ..!! -
कुछ इस तरह देती हूँ दलिलें.....ख़ुद को अब मैं,गुनहगार भी कहती हूँ और निर्दोष भी ठहरा देती हूँ तुम्हे ..!!
हर रोज़ तेरे वादें को इस तरह निभाती हूँ,तू बनकर...हर ज़वाब ख़ुद को दें जाती हूँ..!! -
हर रोज़ तेरे वादें को इस तरह निभाती हूँ,तू बनकर...हर ज़वाब ख़ुद को दें जाती हूँ..!!
मैंने देखें है....रंग बहुत से ज़िन्दगी के,अब देखना है तुम कौन सा...'रंग' दिखाते हो..!! -
मैंने देखें है....रंग बहुत से ज़िन्दगी के,अब देखना है तुम कौन सा...'रंग' दिखाते हो..!!
किस तरह उतरेगा तेरा असर देखते हैतुझे भुलाने की अपनी ज़िद देखते है,कौन सा नशा , कौन सा पैमानाजो भुला दे तेरा नाम..वो जाम देखते है..!! -
किस तरह उतरेगा तेरा असर देखते हैतुझे भुलाने की अपनी ज़िद देखते है,कौन सा नशा , कौन सा पैमानाजो भुला दे तेरा नाम..वो जाम देखते है..!!