कुछ तो बात रही होगी उसमें, जिससे गुस्सा होकर आज एक तूलिका लड़खड़ा सी गयी...
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Madhavendra Dhuriya
(Madhavendra D.)
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Joined 28 December 2017
31 OCT 2019 AT 0:04
31 AUG 2019 AT 1:22
मुझमें ही छुपा बैठा था कहीं वो
सुकून
जिसे दर-दर भटक ढूंढता था-
4 AUG 2019 AT 8:49
अनजानों से फ़िज़ूल वास्ते पड़ रहे हैं,
जिसे चाहते है वो न जाने कहा गुम है-
10 JUL 2019 AT 23:16
कुछ रूठ सी गयी है वो कलम मुझसे,
जो उसका ख़याल आते खुद ही दौड़ जाती थी...-
18 JUN 2019 AT 14:10
तेज बरसात में खड़ा रहा उसके चंद शब्द सुनने को,
"इधर आ जाओ पागल, तुम भीग जाओगे!"-
20 SEP 2018 AT 23:34
जितनी क़समें वादे बढ़ते जा रहे है,
उतनी ही कमी भरोसे में आ रही है।-
19 SEP 2018 AT 2:22
सोचा था कि बताएंगे सारे दर्द तुमको,
पर तुमने कभी खामोशी की वज़ह तक नहीं पूछी...-
18 JUL 2018 AT 20:52
नहीं आऊँगा फिर कभी लौटकर वापस,
पर तुम मेरा इंतज़ार ज़रूर करना...-