सबेरा होने को है...
लिहाफ़ा हटाओ न चेहरे से.....
नहीं अभी नहीं... रुको ज़रा...
कोई तो है जो जुल्फे सवार रही हैं.....-
ना जिक्र तेरे इश्क का है, और ना ही तेरी नादानियों का
ना बोध तेरे गांव का है, और ना ही तेरी कहानियों का
बहता हुआ समंदर मुझे समझाता है तेरी अहमियत
लेकिन
उसे क्या पता क्या मजा है तेरी आंखों में छिपी वादियों का।-
क्यूं बेसब्र रातों से सवाल करने निकल जाता हूं
सवेरे की फिक्र ना करते हुए , उस अंधेरे में भटक सा जाता हूं
ख्याल तो मुझे भी है मेरी उम्र के साथ चलते तालुकातो से
मसला तो सिर्फ लहजे का है
इसलिए तो बेसब्र रातों से सवाल करने निकल जाता हूं ।-
Naa Choo Sakoge Naa Hi Mil Sakoge
Khushi Ke Mahaaul Mai Naa Hi Ghul Sakoge
Parda Pratha Ka Naya Aarambh Hua Hai
Chahte Hue Bhi Dooriya Door Kar Naa Sakoge
Sehme Hue Man Se Jroor Sawaal Aayega
Khidki Se Bahar dekhne Pr Dil Jroor DagMagaayega
Abhi Saath Reh Lete Hain Milke
Ye khayal jroor Aayega
Lekin
Waqt Ke Saath To Saath Toot Hi Jaayega
Zindagi Se Jyada Maut Mashhoor Hai Zamane Mai
Har Jagah Khatra Hai koi bhi Naya Kadam Uthane Mai
Fir bhi Insaan Apni Fitrat Pr Tika Hua Hai Kabse
Soachta Hai Kuch Fayeda Nhi Haalat Ko Smjhne Mai
Naa Choo Sakoge Naa Hi Mil Sakoge
Khushi Ke Mahaaul Mai Naa Hi Ghul Sakoge-
Abhi Saath Reh Lete Hain
Waqt Ke Saath Raaste Alag Ho Hi Jaayenge-
ना खत , ना दुआ और ना ही किस्मत देखता है
वक्त ही भक्त का किरदार है-
बेखबर रास्तों पर चलने का असली हकदार वही है
जिसे
"याद करने" और "याद रखने" में फर्क समझ आ गया हो-
शहर जा रहे हो , ध्यान से जरा ध्यान रखना
मैने अक्सर टूटते तारे के आगे, चांद की एहमियत को गिरते देखा है।-
तहजीब से पता चलता है, किस इंसान को इज्जत मिलेगी
वरना वक्त बेवक्त तो लोग बदनाम होते ही रहते हैं ।
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