Dar, kya hai ye Dar ?
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But until then, the fight is on."
Buddying poet.
Ne... read more
दिल ये बेचैन बहुत हैं ,
आज कुछ नज़्म रूहानी लिख दे ।
तकलीफें भरी है तन्हाइयों में ,
थोड़ी शब्दों से नसीहत लिख दे ।
यूँ तो रोज दिखता है वो ,
इन बंद आंखों के दरमियान ।
आज खुली आंखों से लिख उसे ,
मेरा गीत अमर कर दे ।-
मेरी उम्मीदें , मेरी ख्याइशों ने मिलकर मेरे लिए एक आशियाना सजाया हैं ,
कत्रा - कत्रा मेहनत कर मेंने खुद को उस फिर लायक बनाया हैं ।
यु तो उड़ जाते हैं कुछ नादान परिन्दे अपनी ही ज़मीन को छोड़ के
चंद दानो की आड़ में ,
मेने उसी ज़मीन पर रहकर खेत सोने का उगाया हैं ।
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दिल के अनोखे खेल देखे है ,
बेफिज़ुल के इश्क - मुश्क़ और प्रेम देखे हैं ,
पर देखा नहीं जाता आलम उन आवारो का,
जब फटी जेब में रख फूटा सिक्का वो ,
फिर दोष किस्मत को अनेक देते हैं ।
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आज बहुत दिनों के बाद , एक पैग़ाम लिखा हैं ,
दिल में रहने वालो पर , दिल का प्यारा एहसास लिखा हैं ।
मैं मिलता नहीं हूं उनसे रोज़ , ये शिकायत है जो उनकी मुझसे ,
आज करने सारी दूर शिकायते , ये खत उन्ही के नाम लिखा हैं ।
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धमकी तेरी , मेरे उसूलों से छोटी हैं ,
दिक्कतें सिर्फ मेहनत ना करने वालो को होती है ,
डरता नहीं मैं किसी के चंद बातो को सुनकर ,
क्युकी हैसियत शब्दों की नहीं , इरादों की होती हैं ।-
Sari bate Mai usko Bina kahe reh Leta,
Dil ke armaano ko apne hi jahen Mai chupoye pii leta,
Bas agr vo palke uski us din thodi jhuk jaati to,
jindagi Bina Mai Uske Puri yuhi jii leta
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कुछ लोगों के सपने हैं अब मुझसे ,
कुछ लोगों की उम्मीदें भी अब मेरी हैं ,
फ़ुरसत कहां है मुझे अब अपने भी होने की ,
इन लोगों की अब जिदंगी ही मेरी हैं ।
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आजकल परेशान है मेरी आंखें मुझसे ,
कहती इन पलको को झुकाए बिना
ये सपने केसे सिंझोता हैं ?
और ऐसी क्या मजबूरी है तुझको ,
की ना खाता है , ना सोता है ?
अब केसे समझायू मैं उसको ,
की बिना कुछ कदम उठाएं , मंजिल केसे आएगी ?
और जब तक हो ना जाए ये सपने पूरे मेरे ,
तब तक नींद कहा से आएगी ?
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बयां कर पाता अगर सारे जस्बात यूहीं बातों से अपने ,
तो हैरान हो जाते तुम भी ये जानकर की ,
अंदर कितना तूफ़ान अभी बाकी हैं मुझमें ।
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