Madan Kumar Gankotiya   (Madan Gankotiya)
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Joined 16 July 2019


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Joined 16 July 2019
8 OCT 2022 AT 20:32




My life is ful of sorrow from child hood.
I tried my best to change with
hard work. It's not as that
I expected, but l will
not give up, will
keep trying
forever.






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2 OCT 2022 AT 18:19

September gave relief from summer,
Feeling pleasure leaving AC and cooler.

We had a nice time with September,
With a cool welcome to the winter.

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2 OCT 2022 AT 17:49

खुद क़ो ये समझाना होगा l

बहुत कर लिया अपनों के लिए,
अब दूसरों के लिए करना होगा l

बहुत जी लिए खुद के लिए,
अब मानवता के लिए जीना होगा l

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28 SEP 2022 AT 13:29


फिर सोचा गुस्सा होने से क्या फायदा,
काम तो अपना ही खराब होगा l

जिस काम क़ो छोड़ देना चाहा था,
क्या फिर से वही काम करना होगा l

मज़बूरी इंसान से क्या नहीं करा देती,
करना वही है जो मंजूरे खुदा होगा l

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27 SEP 2022 AT 9:08

किस तरफ जायें क़ोई संकेत नहीं
धोखा है हर कदम पर
विश्वास किस पर करें यकीन नहीं l

डर का मंजर है हर तरफ
ढूंढ रही है एक मीठी नज़र
खौफ भरे इस माहौल में
हर तरफ खतरा आता नज़र

उलझी उलझी दिल की राहें
किस तरफ जायें क़ोई संकेत नहीं

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25 SEP 2022 AT 13:00

अब भी है इस दिल क़ो आस
मेरे एकेलापन में क़ोई तो साथ होगा l

सुखी डाली पर हरियाली होगी
घने पेड़ों की छाँव होगी
पक्षियों का शोरगुल होगा,
आनंदमय वातावरण होगा
क़ोई मेरे भी आस पास होगा l

अब भी है इस दिल क़ो आस
हर तरफ खुशियों भरा माहौल होगा l

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23 SEP 2022 AT 7:47

जीवन भर खुशियाँ बटोरने में लगीं रहती
जीवन में कभी लालच नहीं छोड़ती,
कल क्या होगा अगले पल की खबर नहीं रखती,
क्योंकि ज़िंदगी कोई सुराग नहीं छोड़ती l

कष्ट भरे राहों क़ो त्यागने ने लगीं रहती
तो मुश्किल भरे मोड़ पर लाकर छोड़ती,
कड़ी मेहनत के बावजूद भी रुलाते रहती
क्योंकि ज़िंदगी कोई सुराग नहीं छोड़ती

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22 SEP 2022 AT 6:58

जो रोज जहन में आता है l

इक मीठी आस जताता है,
कुछ पल में गुम हो जाता है,
कभी रात भर सताता है
कभी सुबह सुबह जगाता है l

इक सपना बहुत सताता है
जो रोज जहन में आता है l

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20 SEP 2022 AT 0:36

सबको खुश रखना संभव नहीं हैं, पर मेरी वज़ह से क़ोई ख़ुश हो जाता हैं, इससे अच्छा और क्या हो सकता हैं l साथी साथ चलो मेरे, शायद हम साथ में खुश रहेंगे l

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13 SEP 2022 AT 19:55

जीवन का स्पर्श पाकर
भाग्य हमारे खुल गये l
ज़िंदगी के लम्हे जीकर
हम मुख़ातिर हो गये l

जिंदगी के सफ़र में हम
इस तरह से घुल गये l
आज की खुशियाँ मनाई
कल की चिंता भूल गये l

जिंदगी का स्पर्श पाकर
फिर से जीना सीख गये l
हादसे से लड़ना सीखा
जीने के रास्ते खुल गये l

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