जिंदगी इक मुसाफिरखाना है ,,
आने जाने वालो का जमावड़ा लगा रहता है,
खुद की मसरुफियतों से तlल्लुख रखें जनाब,,
भीड में तन्हाई का गुमान होता नहीं कभी..-
कोई मंजर दिल में मेरे बसता सा जा रहा है,,
वादियों में ए... read more
लगतार उड़ने की इच्छा है सबकी,,
मगर परवाज़ पर दिल नहीं लगता अब,,
घोंसले पर लौटने की मियाद हो कम चाहे,,
बंजारों सा फ़िरने को मन नहीं करता अब...
💭🛕🚶♀️🧿-
Majilein paane ki aadaton main shumar na hua kiye hum kabhi,, ✍️
Raah main gum ho jane ki masrufiyatein pali hui hain humne🍃-
ज़माने के रिवाज़ रहेंगें तुझे सताने के,
ह्रदय से लगाने को शीतल हवा के झोंकें चुन लेना।।
मुस्कुराहटें चेहरे पर ठहरा कर रखना -ए- मेरे दिल,,
या कि साल में दो -चार पल तो ढूंढ ही लेना।।
-
इक इक बूंद,,,
रोम- रोम तक पहुंची,,
उजरत -ए- मसरूफियत की गांठें खुल गईं।।।
-
पिता की लोरी से स्वप्निल आकाश देखा था,
घर की एक्स्ट्रा क्लास में पूरा ब्रह्मांड देखा था,
पग- पग उंगली थाम दिखाया है रास्ता,,
मुक्कमल बना तय कराया हर फासला,,
मार्गदर्शन दे सिखाई नैतिक सुदृढ़ता ,,
आसां किया शिष्य से शिक्षिक का जो सफ़र सोचा था।।
-
रात की मद्धम अलकसाहट सी,,
भोर के गाल चमकाती,,
उस पल जो बिखरी थी नभ में,,
वो चांद की चांदनी,,
ह्रदय को आनंदित कर गयी।।।
-
गैरों में अपने मिलें भी तो,
अपनों-सी गर्माहट नहीं मिलती।।
महफ़िल में मन मसरूफ रहे,
तन्हाई में यादें हैं आतीं।।
अब तो रह रहें कोसों दूर घर से,
दूसरा मौहल्ला भी पराया सा लगता था कभी।।
-
ख़ूबसूरती है अल्हेदा इन नज़ारों की ,,
बेफिक्र हो कर रूह भी,,
किसी इंसां की जरुरत को बेख्वाहिश कर देती है।।-
टूट कर बिखरने से बचातीं हैं,
रोजाना सही-गलत सिखातीं हैं,
वो कहानी तेरी सुनाईं।
तंग करती है जिंदगी कभी कभार;
बहुत मुझको,
पर
होंठों पर मेरे मुस्कराहट,,
तेरे वजूद से ही है... मां
-