मन की बैचैनी को कौन समझ पाया है,
बहती नदी को कौन थाम पाया है,,,
रिश्ते तो बनते बिगड़ते ही रहते हैं जीवन में,
पर जिसको जाना ही है,,,
उसको कौन रोक पाया है।-
मानव
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Joined 5 January 2023
20 JUN AT 15:20
10 MAY AT 15:18
उस शख़्स को कभी किसी पर ऐतबार नहीं होता,
जिसके ज़हन को कभी किसी ने छुआ नहीं होता।-