मानव  
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Joined 5 January 2023


Joined 5 January 2023
20 JUN AT 15:20

मन की बैचैनी को कौन समझ पाया है,
बहती नदी को कौन थाम पाया है,,,
रिश्ते तो बनते बिगड़ते ही रहते हैं जीवन में,
पर जिसको जाना ही है,,,
उसको कौन रोक पाया है।

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20 JUN AT 15:15

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19 MAY AT 10:20

एकांत,
भीड़ की चोट का
मरहम होता है।

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19 MAY AT 9:33

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19 MAY AT 9:31

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10 MAY AT 15:18

उस शख़्स को कभी किसी पर ऐतबार नहीं होता,
जिसके ज़हन को कभी किसी ने छुआ नहीं होता।

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10 MAY AT 13:36

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10 MAY AT 13:29

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25 APR AT 13:35

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25 APR AT 13:17

आज सबसे अधिक जरूरत
दो चीजों की है...
Immunity
Or
Humanity

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