मानसी✍️✍️  
100 Followers · 238 Following

Joined 2 May 2025


Joined 2 May 2025

गम उबाल देते है खुशियां मिला देते है
हम खुद को ही सुकून की चाय पिला देते है

कौन आता है देने कोई सौगात किसी को
हम अपनी तन्हाइयों को अक्सर यहीं सिला देते है

-



सूनी सूनी सी जिंदगी में
न कोई ख्वाब न कोई गुलाब है

सावन भी पतझड़ है
बहारें भी अब अजाब है

न मै करती हूं कोई सवाल
न वहां से कोई जवाब है

खुशी मिले कभी
ऐसा अब न कोई इत्तेफाक है

-



सजा दिए घर बार की वो आयेंगे
दिल से जो मेरे कभी न जाएंगे

सुबह से उसी की राह देखती है आंखे
वो ये बेकरारी कभी समझ न पाएंगे

-



सुना है बेसब्र है वो भी
बेकद्र हमें कर के

जबसे दिखा दिया है हमने
कैसे जीते हैं मर के

-



अब नहीं किसी का इंतजार
हम अब खुशी से जी लेते है

चाय वो सुकून है
हम तन्हा ही पी लेते है

-



पढ़ती हूं खुद को तेरी आंखों मे
जैसे लिखी हो मेरी कहानी तेरी आंखों मे

-



हर फैसला जीत हार का नहीं होता
सवाल उसके इजहार का नहीं होता
उससे मोहब्बत ही इतनी थी
वो जो कहे हम से इनकार नहीं होता

-



ये सुबह खुशी से जीने की है
एक कप चाय उसके साथ पीने की है

भूलकर सारी रंजिशे तू आकर मिल
आरजू अब तेरे दिए जख्मों को सीने की है

-



बेकरारी मेरे दिल की तुझे दिखाई दे
दिल से दी है आवाज तुझे सुनाई दे

बहुत दिन हुए अब लौट के आ जाओ
खुदा मेरी मोहब्बत को अब तू दुहाई दे

सता लिया है खुद को तेरे लिए बहुत
मुझे इस गम से अब कोई रिहाई दे

-



जो सुकून तेरी बाहों में मिलेगा मुझे
वो कहीं और न मिलेगा मुझे

जख्म भी तुम करार भी तुम
मरहम किसी और से न मिलेगा मुझे

तेरे नाम पर जीने की कसम खाई है
क्या पता तू मिलेगा या न मिलेगा मुझे

-


Fetching मानसी✍️✍️ Quotes